10 Circular Road bungalow : राजद का पावर सेंटर रहा 10 सर्कुलर रोड, लेकिन साथ जुड़ीं 'तेजस्वी यादव' के अनलकी होने की यह कहानी; जानिए क्या है ख़ास

10 Circular Road bungalow : राजद इस वक्त राजनीतिक और पारिवारिक संकट के दौर से गुजर रही है। लालू यादव दिल्ली में इलाज करा रहे हैं, राबड़ी देवी 10 सर्कुलर रोड का बंगला खाली कर रही हैं और पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े हो गए हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 28 Dec 2025 03:06:22 PM IST

10 Circular Road bungalow : राजद का पावर सेंटर रहा 10 सर्कुलर रोड, लेकिन साथ जुड़ीं 'तेजस्वी यादव' के अनलकी  होने की यह कहानी; जानिए क्या है ख़ास

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10 Circular Road bungalow : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) इन दिनों सियासी और पारिवारिक दोनों स्तरों पर गहरे संकट से गुजर रही है। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव आंख के ऑपरेशन के बाद दिल्ली में सांसद बेटी मीसा भारती के आवास पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के देश से बाहर सैर पर होने की चर्चाएं हैं। परिवार के भीतर भी भरोसे की दीवारें दरकती दिख रही हैं। 


इसी उथल-पुथल के बीच राजद के लिए एक युग का अंत भी हो गया है। पार्टी का पावर सेंटर माना जाने वाला पटना का 10 सर्कुलर रोड स्थित बंगला अब खाली किया जा रहा है। वर्षों तक यहां राजद की राजनीति, रणनीति और पारिवारिक फैसलों की धुरी रही राबड़ी देवी ने आखिरकार शिफ्टिंग शुरू कर दी है। कभी जिस आवास पर राजद नेताओं-कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी रहती थी, वही बंगला अब सूना होने की ओर है।


यह बंगला पिछले करीब 20 वर्षों से लालू-राबड़ी परिवार की पहचान बन चुका था। 2005 में सत्ता से बाहर होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को यह बंगला आवंटित हुआ था। बाद में विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते यही आवास उनके नाम कर दिया गया। लालू यादव जमानत पर रिहा होने के बाद यहीं रहे। तेजस्वी यादव को अलग सरकारी आवास मिला, लेकिन वे भी सपरिवार इसी बंगले में रहते थे। बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी लंबे समय तक यहीं रहे, हालांकि बाद में उन्होंने अलग सरकारी आवास ले लिया।


राजनीतिक दृष्टि से यह बंगला राजद का अनौपचारिक मुख्यालय बन गया था। मकर संक्रांति, होली और रमजान पर यहां भव्य दावतें होती थीं। यहीं से चुनावी रणनीतियां बनती थीं और यहीं बड़े-बड़े फैसले लिए जाते थे। तेज प्रताप यादव की शादी के बाद ऐश्वर्या राय का पहली बार इसी घर में प्रवेश हुआ, तो पारिवारिक कलह के बाद उनका रोते हुए यहीं से मायके लौटना भी इसी बंगले ने देखा। तेज प्रताप को परिवार से बाहर करने का कठोर फैसला भी इसी आवास में बैठकर लिया गया। हाल के वर्षों में रोहिणी आचार्य का अपमान और भावुक होकर इस घर से निकलना भी राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा में रहा।


लेकिन इस बंगले को लेकर ‘मनहूसियत’ की चर्चाएं भी कम नहीं रहीं। लालू-राबड़ी के मुख्यमंत्री रहते यह बंगला राबड़ी के भाई अनिरुद्ध प्रसाद यादव उर्फ साधु यादव के नाम विधायक कोटे से आवंटित था। साधु यादव 9-10 साल यहीं रहे। यहीं से उनके और लालू परिवार के रिश्तों में ऐसी दरार पड़ी कि आज वे परिवार के सबसे मुखर आलोचक बन गए हैं। इसके बाद यह भी एक कहानी है कि इस बंगले में रहते हुए राजद बिहार की सत्ता से बाहर भी हुई और वापस पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाए। कुछ दफा सत्ता में रहे भी तो सहयोगी की भूमिका में ही शामिल होना पड़ा। 


कानूनी कारण भी इस बंगले के खाली होने की वजह बने। 2019 में पटना हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगला देने की व्यवस्था को असंवैधानिक ठहरा दिया था। इसके बाद ऐसे आवंटन समाप्त कर दिए गए। राबड़ी देवी को हालांकि नेता प्रतिपक्ष होने के कारण कुछ समय की राहत मिली, लेकिन अब नियमों के सख्त अनुपालन के चलते उन्हें यह बंगला छोड़ना पड़ा।


10 सर्कुलर रोड सिर्फ एक आवास नहीं था, बल्कि राजद की सत्ता, संघर्ष और पतन की गवाह रही इमारत थी। इसके खाली होने को राजद के कमजोर होते संगठन और नेतृत्व संकट से भी जोड़कर देखा जा रहा है। लालू-राबड़ी परिवार का पता बदलने के साथ ही बिहार की राजनीति में एक अध्याय बंद हो रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि 10 सर्कुलर रोड के बिना राजद अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन दोबारा तलाश पाती है या नहीं।