BIHAR: बिजली टावर पर चढ़ा बुजुर्ग, हाईटेंशन तार पर लटकने के बाद खेत में गिरा, बाल-बाल बची जान Bihar News: बिहार में शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर प्रशासन सतर्क, शिवहर में SSB जवानों ने किया फ्लैग मार्च Bihar News: बिहार में शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर प्रशासन सतर्क, शिवहर में SSB जवानों ने किया फ्लैग मार्च Bihar Politics: चिराग पासवान ने जीजा अरुण भारती को सौंपी बिहार की कमान, दे दी यह बड़ी जिम्मेवारी Bihar Politics: चिराग पासवान ने जीजा अरुण भारती को सौंपी बिहार की कमान, दे दी यह बड़ी जिम्मेवारी Bihar Politics: छठ महापर्व को लेकर रेलवे का बड़ा फैसला, बिहार के लिए चलेंगी 12 हजार स्पेशल ट्रेनें; सम्राट चौधरी ने जताया आभार Bihar Politics: छठ महापर्व को लेकर रेलवे का बड़ा फैसला, बिहार के लिए चलेंगी 12 हजार स्पेशल ट्रेनें; सम्राट चौधरी ने जताया आभार Bihar Politics: महागठबंधन में मुकेश सहनी ने किया उपमुख्यमंत्री पद पर दावा, बोले- तेजस्वी सीएम, मैं डिप्टी सीएम बनूंगा Bihar Politics: महागठबंधन में मुकेश सहनी ने किया उपमुख्यमंत्री पद पर दावा, बोले- तेजस्वी सीएम, मैं डिप्टी सीएम बनूंगा बिहार सरकार ने दिवाली की छुट्टी की तारीख बदली, अब इस दिन रहेगा सरकारी अवकाश
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 03 Sep 2025 05:13:49 PM IST
पक्की सड़कों को मिली रफ्तार - फ़ोटो सोशल मीडिया
PATNA: मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना (अवशेष)” के तहत बिहार के गांवों के वैसे छूटे हुए टोलों व बसावटों को, जिसकी आबादी 100 या उससे भी कम है, को भी बारहमासी पक्की सड़कों से जोड़ने की योजना ने गांवों की सूरत बदल दी है। इस योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग ने राज्य के कुल 11,020 गांवों का सर्वे कराकर कुल 14,002.33 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों के निर्माण का लक्ष्य तय किया है। जिसमें 5033 बसावटों व टोलों को बारहमासी पक्की सड़कों से जोड़ने की विभाग ने प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की थी। जिसमें 1344 टोलों को पक्की सड़क से जोड़ा जा चुका है।
ऐसे छोटे टोलों में बन चुकी ग्रामीण सड़कों की कुल लम्बाई 1486.71 किमी है। ये ऐसे छोटे-छोटे टोले और बसावट हैं, जिनकी आबादी 100 लोगों या उससे भी कम है। बिहार सरकार के सामने बड़ी चुनौती थी कि राज्य की लगभग एक लाख, 33 हजार से ज़्यादा बस्तियों को पक्की सड़क से जोड़ना। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पहले केवल उन्हीं बस्तियों को शामिल किया गया था, जिनकी आबादी एक हजार या उससे अधिक थी। लेकिन बिहार सरकार ने सोचा कि सिर्फ बड़ी बस्तियों तक ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे टोलों तक भी पक्की सड़क पहुंचें। इसी सोच के तहत राज्य सरकार ने वर्ष 2005-06 में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू की और 500 से 999 की आबादी वाले टोलों तक बारहमासी पक्की सड़कें बना दीं। इस कदम से बिहार देश का पहला राज्य बन गया, जिसने एक हजार से कम आबादी वाले टोलों तक पक्की सड़क पहुंचाई हैं।
इसके बाद सभी जिलों में एक समान दृष्टिकोण अपनाते हुए वर्ष 2013-14 में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क संपर्क योजना की शुरुआत की गई। फिर वर्ष 2016-17 में सरकार के सात निश्चय पार्ट-1 के तहत “हर घर तक पक्की गली और नाली” योजना लागू की गई। इसी दौरान 100 से 149 की आबादी वाले टोलों तक पक्की सड़क पहुंचाने के लिए ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना शुरू की गई। इस योजना के माध्यम से 4,618 बस्तियों को जोड़ते हुए 3,968 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया। इन सभी सतत प्रयासों का परिणाम है कि विभाग की विभिन्न योजनाओं के जरिए अब तक 1,19,000 किलोमीटर से अधिक ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जा चुका है, जिससे 1,20,000 से अधिक बसावटों को हर मौसम में एकल संपर्कता प्राप्त हो गई है।
अब 100 लोगों की आबादी वाले छूटे हुए टोलों को भी मिली संपर्कता
वर्ष 2023 में राज्य सरकार ने “मुख्यमंत्री ग्रामीण संपर्क योजना (अवशेष)” की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य सौ या उससे अधिक आबादी वाले अब तक छूटे बसावटों को भी बारहमासी एकल संपर्कता से जोड़ना है। जिसके अंतर्गत कुल 11,020 बसावटों में 14,002 किमी सड़क अनजुटे पाए गए। जिसमें अबतक कुल 5033 बसावटों में 1344 बसावटों को पक्की बारहमासी सड़कों से जोड़ा जा चुका है। इन सड़कों की कुल लम्बाई 1486.71 किमी है।
इन जिलों की छोटी आबादी वाले टोलों को मिली है सर्वाधिक सड़क संपर्कता
जिला बसावटों की संख्या सड़क की लम्बाई (कि.मी. में)
कैमूर 147 128.59
औरंगाबाद 137 139.59
पूर्वी चंपारण 121 196.72
गयाजी 69 96.97
बांका 83 95.76
रोहतास 68 50.97
जमुई 54 72.75