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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 05 Sep 2025 10:27:21 AM IST
CBSE 2026 Board Exams - फ़ोटो FILE PHOTO
CBSE 2026 Board Exams : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने वर्ष 2026 की कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए दिव्यांग और विशेष आवश्यकता वाले छात्रों (CWSN – Children With Special Needs) के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बोर्ड ने इन छात्रों के रजिस्ट्रेशन के लिए ‘परीक्षा संगम पोर्टल’ पर विशेष प्रक्रिया शुरू की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे छात्र, जिन्हें परीक्षा के दौरान अतिरिक्त सहायता या विशेष सुविधाओं की आवश्यकता होती है, वे समय पर उन सभी जरूरी संसाधनों का लाभ उठा सकें और परीक्षा में बिना किसी असुविधा के हिस्सा ले सकें।
CBSE ने रजिस्ट्रेशन की तारीखें भी पहले से घोषित कर दी हैं। यह प्रक्रिया 9 सितंबर 2025 (मंगलवार) से शुरू होकर 22 सितंबर 2025 (सोमवार) रात 11:59 बजे तक चलेगी। इस निर्धारित समय के भीतर सभी स्कूलों को अपने यहां पढ़ने वाले छात्र छात्रों का पंजीकरण पूरा करना अनिवार्य होगा। CBSE ने देशभर के सभी संबद्ध स्कूलों को निर्देशित किया है कि वे अपने यहां अध्ययनरत ऐसे छात्रों की पहचान करें जो CWSN श्रेणी में आते हैं। इसके बाद स्कूलों को परीक्षा संगम पोर्टल पर निम्नलिखित कार्य पूरे करने होंगे:
छात्रों की सूची में यह सुनिश्चित करना होगा कि कौन-कौन छात्र विशेष आवश्यकता की श्रेणी में आते हैं। प्रत्येक पात्र छात्र के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट या विकलांगता प्रमाण पत्र पोर्टल पर अपलोड करना जरूरी होगा। यह प्रमाणपत्र सरकारी अथवा मान्यताप्राप्त संस्थान से होना चाहिए। प्रत्येक छात्र की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, जैसे उन्हें अतिरिक्त समय चाहिए, राइटर (सहायक लेखक) की जरूरत है, अलग कक्ष में बैठने की व्यवस्था चाहिए, आदि – इन सुविधाओं का चुनाव स्कूल द्वारा किया जाएगा। बोर्ड ने इस प्रक्रिया के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure - SOP) भी जारी की है, जिसे सभी स्कूलों को अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।
छात्रों को मिलने वाले लाभ
जब रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, तो हर छात्र को परीक्षा के दौरान जो भी विशेष सुविधा मिलेगी, उसकी जानकारी उनके एडमिट कार्ड पर पहले से ही दर्ज कर दी जाएगी। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि परीक्षा केंद्रों को पहले से जानकारी होगी और वे सभी जरूरी तैयारियां समय पर पूरी कर सकेंगे। इससे छात्रों को परीक्षा के समय किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी और वे आत्मविश्वास के साथ परीक्षा में बैठ सकेंगे। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी छात्र को राइटर की सुविधा चाहिए, तो परीक्षा केंद्र पर उसके लिए पहले से ही लेखक की व्यवस्था होगी।
अगर किसी को अलग से बैठने की जरूरत है या अतिरिक्त समय की जरूरत है, तो वह सुविधा पहले से ही सुनिश्चित कर दी जाएगी। CBSE की यह पहल न केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया है, बल्कि यह समावेशी शिक्षा की दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक कदम है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बोर्ड सभी छात्रों को समान अवसर देना चाहता है, चाहे उनकी शारीरिक या मानसिक स्थितियाँ कैसी भी हों। इस तरह की व्यवस्थाओं से दिव्यांग छात्रों को वह सहयोग मिल सकेगा जिसकी उन्हें वास्तव में जरूरत होती है, और वे भी सामान्य छात्रों की तरह आत्मविश्वास से परीक्षा दे सकेंगे।
यह प्रयास शिक्षा को और अधिक समावेशी, संवेदनशील और सहायक बनाता है – ताकि कोई भी छात्र केवल अपनी सीमाओं के कारण पीछे न रह जाए। CBSE का यह कदम सराहनीय है और इसे पूरे देश में एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।