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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 28 Apr 2025 10:35:56 PM IST
संजीव मुखिया से पूछताछ - फ़ोटो google
Sanjeev Mukhiya: नीट पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया पुलिस की गिरफ्त में हैं. ईओयू को दो दिन की और रिमांड मिली है. ईओयू की पूछताछ के दौरान उसने कई राज उगले हैं.आर्थिक अपराध इकाई ने जब उससे पूछताछ की तब इस दौरान संजीव मुखिया ने खुलासा किया कि पैसे के बल पर वह अभ्यर्थियों को मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET पास कराने के लिए सॉल्वर गैंग बना रखा था।
गैंग से कई डॉक्टर सीधे रूप से जुड़े हुए होते थे। पटना से लेकर राँची..दरभंगा से लेकर धनबाद तक के डॉक्टर सॉल्वर गैंग में शामिल थे। नए बहाल डॉक्टर परीक्षा के दौरान कई सेंटर पर वास्तविक अभ्यर्थी के जगह डमी के रूप में बैठते थे। इसके बदले में उनको पांच से छह लाख रुपये प्रति कैंडिडेट दिए जाते थे। इसके लिए कई परीक्षा केंद्रों को भी मैनेज रखा जाता था।
EOU के अधिकारियों ने पूछा कि तुमने दूसरे राज्यों में पेपर लीक गिरोह का नेटवर्क कैसे तैयार किया? इस नेटवर्क में किसकी क्या भूमिका थी? तब संजीव मुखिया ने जवाब दिया कि इस काम को अलग-अलग लोग देखते थे। नए डॉक्टर अपने साथियों को हमसे जोड़ते थे।
पूछताछ के दौरान संजीव मुखिया ने बताया है कि उसका लक्ष्य अपनी पत्नी को राजनीतिक गलियारें में ऊँचा मुकाम दिलवाना है। इसके लिए ही उसने पेपर लीक करवाने का रास्ता चुना। उसने बताया है कि बिहार और झारखंड से लेकर दूसरे राज्यो में उसकी बड़ी पहुंच है। पूरे सिस्टम को इसने ख़ुश कर रखा है। उसने बताया है कि कोई ऐसा सेक्टर नहीं जहां इसने अपनी धमक क़ायम नहीं की है।
रेलवे भर्ती बोर्ड में भी पकड़ होने का दावा संजीव मुखिया ने किया है। इसके साथ ही साथ उसने NTA तक को मैनेज करने का दावा आर्थिक अपराध इकाई, सीबीआई और झारखंड पुलिस के सामने किया है। संजीव मुखिया ने यह भी दावा किया है कि उसने कई अधिकारियों के बच्चों को मेडिकल में दाखिला कराया है।
पूछताछ के दौरान उसने बताया है कि फरारी के दौरान कई थानों को मैनेज कर बिहार के कई जिले में रहा, लाभुकों के घर से लेकर पावर कॉरपोरेशन से जुड़े अधकारियों के घर तक में रहा। मिली जानकारी के अनुसार ईओयू के अधिकारियों के हर सवाल का जवाब देने में संजीव मुखिया लंबा समय ले रहा है। फिलहाल उससे पूछताछ जारी है।
पटना से प्रिंस कुमार की रिपोर्ट