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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 14 Sep 2025 08:58:07 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति में गहमागहमी तेज हो गई है और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पूर्णिया के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) में देर रात अचानक औचक निरीक्षण किया। इस दौरान सामने आई स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली ने सभी को हैरान कर दिया। 20 सालों से सत्ता में काबिज एनडीए सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की स्थिति का यह एक बड़ा उदाहरण है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल होने के बावजूद यहां आईसीयू (ICU) का अभाव है। ट्रॉमा सेंटर अभी तक चालू नहीं है, जबकि कार्डियोलॉजी विभाग यानी हृदय रोग विभाग तो यहां मौजूद ही नहीं है। अस्पताल में एक बेड पर तीन-तीन मरीज रखे गए हैं, जो गंभीर रूप से खराब प्रबंधन को दर्शाता है। इसके अलावा, मरीजों की बेडशीट 15 से 20 दिनों तक बदली भी नहीं जाती, जिससे गंभीर लापरवाही साबित होती है।
अस्पताल के शौचालयों की स्थिति भी बेहद खराब है, खासकर हड्डी रोग और विकलांग शल्य चिकित्सा विभागों के मरीजों के लिए शौचालय इतनी ऊंचाई पर हैं कि उनका उपयोग करना मुश्किल है। सफाई की हालत इतनी खराब है कि स्वास्थ्य सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा।
GMCH में नर्सिंग स्टाफ की कमी भी चिंताजनक है। स्वीकृत 255 नर्स पदों में से केवल 55 नर्स ही तीन शिफ्टों में काम कर रही हैं, यानी एक समय में मात्र 18 नर्स ही ड्यूटी पर होती हैं। छुट्टियों या अनुपस्थिति के दौरान यह संख्या और कम हो जाती है। इसी तरह चिकित्सकों के पदों का 80% रिक्त होना अस्पताल की सेवाओं की गुणवत्ता पर बड़ा असर डाल रहा है।
अस्पताल में न तो स्थायी ड्रेसर हैं और न ही पर्याप्त OT सहायक। पूरे मेडिकल कॉलेज में केवल 4 ऑपरेशन थिएटर सहायक कार्यरत हैं। कुल 23 विभागों में से कई विभाग बंद पड़े हैं, जबकि प्रोफेसर और सहायक प्रीफेसर की संख्या नाम मात्र है। मेडिकल इंटर्न्स को छह महीने से वेतन नहीं मिला है, जिससे उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं।
सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के इतने अभावों के कारण पूरा सीमांचल क्षेत्र निजी अस्पतालों की ओर मुड़ रहा है। प्रतिदिन लगभग 10,000 मरीज निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं, जो गरीबों के लिए आर्थिक रूप से भारी बोझ है। नेता प्रतिपक्ष ने इस खराब स्थिति के लिए बिहार सरकार के भ्रष्ट मंत्री और अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि सरकार करोड़ों रुपए स्वास्थ्य सेवा के लिए आवंटित करती है, लेकिन वेषभूषणों के लिए खर्च किया जाता है। सरकारी अस्पतालों में न तो पर्याप्त डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी हैं, न ही उपकरणों का सही उपयोग संभव है क्योंकि टेक्नीशियनों की नियुक्ति नहीं की जाती।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सीमांचल के पूर्णिया आने के मौके पर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से अपील की कि प्रधानमंत्री को इस बदहाल मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण अवश्य कराना चाहिए। साथ ही कहा कि उन्हें उस मुख्यमंत्री को भी साथ ले जाना चाहिए जो 2005 के बाद की सरकार का नेतृत्व कर चुका है, ताकि वे 20 वर्षों की विफलताओं को भी समझ सकें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को बिहार में एनडीए सरकार के भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, गरीबी, स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली और डबल इंजन सरकार की विफलताओं पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और जनता के सामने इन मुद्दों पर खुलकर बात करनी चाहिए।