'क्या झूठ बोलकर बॉस से छुट्टी लेना पाप है?' इस सवाल का प्रेमानंद महाराज ने दिया बड़ा ही रोचक जवाब BHOJPUR: वर्मा फाउंडेशन ग्रुप ने रचा इतिहास, 124 छात्रों का सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) पद पर चयन राघोपुर की जनता से प्रशांत किशोर ने कह दी बड़ी बात, बोले..हम यहां से चुनाव लड़ें या न लड़ें, कल से आपके जीवन में बदलाव आना शुरू हो जाएगा Crime News: एक ही परिवार के पांच लोगों ने की खुदकुशी, दो बेटों-दो बेटियों के साथ महिला ने दी जान Crime News: एक ही परिवार के पांच लोगों ने की खुदकुशी, दो बेटों-दो बेटियों के साथ महिला ने दी जान Bihar Crime News: महिला कर्मचारियों से बदसलूकी पर बेतिया में बड़ा एक्शन, डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार; संविदा भी समाप्त हुई Bihar Crime News: महिला कर्मचारियों से बदसलूकी पर बेतिया में बड़ा एक्शन, डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार; संविदा भी समाप्त हुई Bihar Election 2025: NDA की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हुए संजय झा, NDA में सीट शेयरिंग पर क्या बोले? Bihar Election 2025: NDA की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हुए संजय झा, NDA में सीट शेयरिंग पर क्या बोले? Bihar News: बिहार में पुलिसकर्मियों की अवैध वसूली का वीडियो वायरल, SP ने ले लिया बड़ा एक्शन
1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Tue, 09 Sep 2025 12:34:38 PM IST
- फ़ोटो Google
Bihar Education News: शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के खिलाफ चल रही विभागीय कार्यवाही को समाप्त कर दिया गया है. इस संबंध में विभाग के स्तर से आदेश जारी किया गया है. मोतिहारी के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) के खिलाफ कई आरोपों में विभागीय कार्यवाही संचालित की गई थी. संचालन पदाधिकारी ने जांच में आरोप को सही नहीं पाया. इस आधार पर आरोपी अधिकारी को क्लिनचिट मिल गई है.
प्रश्न पत्र वितरण में लापारवाही के आरोप थे
मोतिहारी के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (मा. शि.) नित्यम कुमार गौरव के खिलाफ 28 मार्च को विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया गया था. इन पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 9वीं एवं 11वीं की गोपनीय सामाग्री को सुरक्षित ढंग से नहीं रखने एवं प्रश्न पत्रों को विद्यालय में ससमय वितरण के लिए पर्याप्त कर्मियों की नियुक्ति नहीं करने के आरोप थे.
आरोप से मुक्त हुए डीपीओ
इन आरोपों के लिए नित्यम कुमार गौरव के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गई थी. संचालन पदाधिकारी ने आरोपों को सही नहीं पाया. संचालन पदाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर मामले को खत्म कर डीपीओ को आरोपों से मुक्त कर दिया गया है.