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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 12 Sep 2025 09:46:35 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: उत्तर बिहार के शिवहर जिले में आजादी के बाद पहली बार रेलवे लाइन बिछाने की कवायद शुरू हो गई है। बापूधाम मोतिहारी से शिवहर और सीतामढ़ी को जोड़ने वाली नई रेल लाइन परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए पूर्व मध्य रेलवे ने दिल्ली की एक एजेंसी को जियो टेक्निकल सर्वे का जिम्मा सौंपा है, जिसके आधार पर डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी। सर्वे में भूमि अधिग्रहण, स्टेशन-हॉल्ट, यार्ड, अंडरपास, रेलवे ओवरब्रिज और पुल-पुलियों का अध्ययन होगा। सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही 70 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन पर पटरी बिछाने का काम भी शुरू हो जाएगा।
यह परियोजना बिहार के उस जिले को रेलवे नेटवर्क से जोड़ेगी, जहां अभी तक कोई रेल लाइन नहीं है। शिवहर जिला अब तक रेल कनेक्टिविटी से वंचित रहा है, इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर पहली बार ट्रेन की सवारी का अनुभव करेगा। बापूधाम मोतिहारी से शिवहर तक 51 किलोमीटर और वहां से सीतामढ़ी तक की रेल लाइन को मिलाकर कुल 70 किलोमीटर की इस परियोजना को 2006-07 के रेल बजट में मंजूरी मिली थी। उस समय इसकी अनुमानित लागत 221 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 926.09 करोड़ रुपये हो गई है। पूर्व मध्य रेलवे के कंस्ट्रक्शन विभाग के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के सचिव मंटू कुमार की रिपोर्ट के अनुसार, जियो टेक्निकल सर्वे पर 41 लाख रुपये खर्च होंगे।
इस रेल लाइन से पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर (मीनापुर-सिवाईपट्टी), शिवहर और सीतामढ़ी के 10 लाख से अधिक लोगों को फायदा होगा। खास तौर पर शिवहर के लिए यह ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि आजादी के बाद से अब तक इस जिले में कोई रेलवे स्टेशन या लाइन नहीं थी। परियोजना के तहत 13 पुल, 62 पुलिया और 30 रेलवे समपार फाटक बनाए जाएंगे, हालांकि इनकी संख्या में बदलाव भी संभव है। जिला भू-अर्जन विभाग ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें 209 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है और 50 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में वितरित किए गए हैं।
शिवहर जिला धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है, अब यह रेल नेटवर्क से जुड़ने के बाद पर्यटन और व्यापार के लिए नए अवसर पाएगा। सीतामढ़ी और बापूधाम मोतिहारी जैसे बड़े रेलवे स्टेशनों से कनेक्टिविटी होने से दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और अन्य प्रमुख शहरों तक पहुंच आसान हो जाएगी। स्थानीय लोगों का 19 साल पुराना सपना अब साकार होने की राह पर है। रेलवे ने इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता दी है और उम्मीद है कि जल्द ही शिवहर के लोग अपनी धरती पर ट्रेन की सीटी सुन सकेंगे।