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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 13 May 2025 08:33:21 AM IST
DM कौशल कुमार - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार के सुपौल जिले में प्रशासनिक कामकाज को सुचारू रखने के लिए जिलाधिकारी कौशल कुमार ने सख्त रुख अपनाया है। 7 मई 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए 11 अंचलों के 60 राजस्व कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। ये कर्मचारी बिहार राज्य भूमि सुधार कर्मचारी संघ के आह्वान पर हड़ताल कर रहे थे, जिसके चलते जिले में राजस्व कार्य ठप हो गए थे। DM ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए कार्रवाई की और चेतावनी दी कि भविष्य में भी ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बताते चलें कि बिहार राज्य भूमि सुधार कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर 7 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी। इससे पहले मार्च 2025 में भी 11 दिनों तक धरना-प्रदर्शन हुआ था, लेकिन मांगें पूरी न होने पर कर्मचारियों ने फिर से हड़ताल शुरू कर दी। इस हड़ताल से सुपौल, त्रिवेणीगंज, किशनपुर जैसे कई अंचलों में राजस्व से जुड़े काम पूरी तरह ठप हो गए, जिससे आम लोगों को भारी परेशानी हुई।
जिसके बाद DM कौशल कुमार ने 10 मई को सुबह 11 बजे समाहरणालय के लहटन चौधरी सभागार में वार्ता के लिए कर्मचारियों को बुलाया था। लेकिन एक भी कर्मचारी वार्ता में शामिल नहीं हुआ। इसके बाद शाम 5 बजे तक उपस्थिति दर्ज कराने का अंतिम मौका दिया गया, जिसे भी कर्मचारियों ने नजरअंदाज कर दिया। DM ने इसे प्रशासनिक आदेश की अवहेलना माना और बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के तहत सख्त कार्रवाई की है।
इस निलंबन में जिले के 11 अंचलों के 60 कर्मचारी शामिल हैं। इनमें सबसे ज्यादा सुपौल अंचल से 12 कर्मचारी हैं, इसके बाद त्रिवेणीगंज से 8, किशनपुर से 7, छातापुर से 6, राघोपुर और पिपरा से 5-5, सरायगढ़-भपटियाही और बसंतपुर से 4-4, मरौना से 4, प्रतापगंज से 3 और निर्मली से 2 कर्मचारी सस्पेंड किए गए हैं। इस कार्रवाई से जिले के प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है, और कर्मचारियों में अब डर का माहौल है।
DM कौशल कुमार ने साफ कहा कि राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था और सरकारी योजनाओं में रुकावट डालने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भविष्य में कोई कर्मचारी मनमाने ढंग से हड़ताल करता है या अनुशासनहीनता दिखाता है, तो उसके खिलाफ और सख्त कार्रवाई होगी। DM ने कहा, "प्रशासन का काम जनता की सेवा करना है। इसे बाधित करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती।"