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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 16 Oct 2025 03:38:30 PM IST
 
                    
                    
                    बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार में बढ़ते साईबर अपराधों पर नकेल कसने के लिए आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और साईबर थाना पटना ने एक बड़ी कार्रवाई की है। संयुक्त अभियान के तहत ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है जो साईबर अपराधियों को Mule Accounts उपलब्ध कराता था। ये खाते देशभर में फैले साईबर अपराधों में धन के लेन-देन के लिए उपयोग किए जा रहे थे।
दरअसल, 13 अक्टूबर 2025 को पुलिस उपाधीक्षक, साईबर ऑपरेशन, आर्थिक अपराध इकाई, पटना को गुप्त सूचना मिली कि सगुना मोड़ स्थित एक होटल में कुछ संदिग्ध लोग ठहरे हुए हैं जो साईबर अपराध की योजना बना रहे हैं। इस सूचना के आलोक में पुलिस अधीक्षक (साईबर अनुसंधान एवं अभियान), आर्थिक अपराध इकाई ने तत्काल एक विशेष अनुसंधान दल का गठन किया। टीम ने होटल में छापेमारी कर गहन जांच शुरू की।
अनुसंधान दल ने तकनीकी जांच और खुफिया इनपुट के आधार पर पाया कि आरोपी गिरोह बिहार सहित अन्य राज्यों में लोगों से Mule Accounts (धन ट्रांसफर के लिए उपयोग किए जाने वाले खातों) की व्यवस्था करते थे। ये लोग उन व्यक्तियों को निशाना बनाते थे जिन्हें तत्काल आर्थिक सहायता की आवश्यकता होती थी। उन्हें GST Refund या CSR Fund का लालच देकर उनके बैंक खातों पर नियंत्रण हासिल करते थे। बाद में ये खाते साईबर अपराधियों को सौंप दिए जाते थे।
इसके बदले गिरोह के सदस्यों को प्रत्येक लेन-देन पर 5% से 15% कमीशन मिलता था। कई मामलों में आरोपियों ने बैंक कर्मचारियों की मदद से गांवों में छोटे व्यापारियों के नाम पर Current Account खुलवाए और उनका दुरुपयोग कर लाखों रुपये की धोखाधड़ी करवाई। अब तक की जांच में कुल 15 बैंक खातों की पहचान की गई है जिन पर NCRP पोर्टल पर भारत के विभिन्न राज्यों से साईबर अपराध से जुड़ी शिकायतें दर्ज हैं। इन खातों में 10 करोड़ रुपये से अधिक की साईबर ठगी की राशि ट्रांसफर की गई थी। एक खाते पर ही 98 शिकायतें दर्ज मिलीं, जिससे स्पष्ट होता है कि ये अपराधी बड़े स्तर पर Mule Accounts नेटवर्क चला रहे थे।
इस मामले में साईबर थाना, पटना में कांड संख्या 2159/2025 दिनांक 14.10.2025 को दर्ज किया गया है। प्राथमिकी में धारा 316(2)/318(2)/318(4)/319(2)/336(2)/336(3)/340(2)/61(2)(a)/62/112(2) BNS एवं धारा 66, 66(C), 66(D) IT Act के तहत मामला दर्ज किया गया। अब तक कुल 07 अभियुक्तों की गिरफ्ता की गई है, जिनके पास से कई मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और 02 चार चक्का वाहन बरामद हुए हैं।
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम
अमित कुमार उर्फ ओम (बेतिया, पश्चिम चम्पारण)
दुर्गेश कुमार (छपरा, सारण)
रविप्रकाश (मोतिहारी, पूर्वी चम्पारण)
मो. रहबर (आरा, भोजपुर)
अनिल सिंह (बक्सर/पटना)
विशाल कुमार (आरा, भोजपुर)
भास्कर कुमार (आरा, भोजपुर)
जांच के दौरान कुछ अन्य साईबर अपराधियों की भी पहचान की गई है। जांच दल अब उन खातों का भी पता लगा रहा है जिनमें ठगी का धन आगे ट्रांजैक्शन के माध्यम से दूसरे राज्यों और डिजिटल वॉलेट्स में ट्रांसफर किया गया था। पुलिस ने बताया कि कुछ बैंक शाखाओं और कर्मचारियों की भूमिका की भी जाँच की जा रही है। यदि संलिप्तता पाई जाती है, तो उन पर भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
आर्थिक अपराध इकाई, बिहार ने नागरिकों से अपील की है कि “आपका बैंक खाता आपकी निजी संपत्ति है, उसका दुरुपयोग होने पर आप भी कानूनी रूप से जिम्मेदार माने जाएंगे।” यदि कोई व्यक्ति लालच देकर आपके खाते, सिम, डेबिट या क्रेडिट कार्ड की जानकारी मांगता है, तो तुरंत सतर्क हो जाएं। ऐसे किसी भी प्रस्ताव या धोखाधड़ी की सूचना तुरंत दे साईबर हेल्पलाइन: 1930
ईमेल cybercell-bih@nic.in (mailto:cybercell-bih@nic.in)
किसी भी प्रकार के लालच में न आएं और दूसरों को भी ऐसे जाल से बचने की सलाह दें। बिहार पुलिस की यह कार्रवाई राज्य में तेजी से फैल रहे सायबर ठगी नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। आर्थिक अपराध इकाई का कहना है कि आने वाले समय में ऐसे अभियानों को और तेज किया जाएगा ताकि साईबर अपराधियों और उनके सहयोगियों पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके।