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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 18 Aug 2025 07:33:48 AM IST
पटना न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Patna Crime News: बिहार की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में रविवार को डेंटिस्ट डॉ. सुनील कुमार के 11 वर्षीय बेटे का अपहरण कर लिया गया। हैरान करने वाली बात यह रही कि अपहरणकर्ता कोई और नहीं, बल्कि परिवार का ही करीबी रिश्तेदार निकला। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महज छह घंटे के भीतर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया।
घटना फुलवारीशरीफ के पुर्णेंदु नगर की है, जहां डॉक्टर सुनील कुमार का निवास है। रविवार को उनके ममेरे जीजा रमेश रंजन (उम्र 43 वर्ष) ने बच्चे को नानी घर घुमाने का झांसा देकर कार में बैठाया और अपहरण की वारदात को अंजाम दिया।
अपहरणकर्ता ने बच्चे को पहले फुलवारी, फिर पुनपुन, मरीन ड्राइव और सोनपुर तक घुमाया। रास्ते में उसने रुमाल में किसी रसायन (केमिकल) को लगाकर बच्चे का मुंह दबाया जिससे उसके होंठ और चेहरे पर जलन होने लगी। लेकिन किशोर ने साहस दिखाते हुए अपहरणकर्ता के गले में दांत काटा और चलती गाड़ी से कूद गया। वह पास के एक रेस्टोरेंट में भाग गया और लोगों से मदद मांगी। वहां मौजूद लोगों ने तुरंत आरोपी को पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी।
घटना की सूचना मिलते ही फुलवारीशरीफ थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे को सुरक्षित अपने कब्जे में ले लिया। इस दौरान एसआईटी और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए पूरे मामले का खुलासा किया। पश्चिमी सिटी एसपी भानु प्रताप ने प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि आरोपी रमेश रंजन पटना के जगदेव पथ स्थित तिलक नगर का निवासी है। पुलिस ने उसके पास से एक कार, चाकू, दो मोबाइल फोन और ₹6420 नगद बरामद किए हैं।
पूछताछ में रमेश रंजन ने स्वीकार किया कि वह भारी आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। उसने जगदेव पथ स्थित एक श्रृंगार दुकान के लिए 15 लाख रुपये का बैंक लोन लिया था, जिसमें 12 लाख रुपये अभी भी बकाया हैं। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी पर विभिन्न स्रोतों से कुल मिलाकर लगभग 70 लाख रुपये तक का कर्ज है। कर्ज चुकाने के दबाव में उसने अपने ही सगे रिश्तेदार के बेटे का अपहरण कर फिरौती मांगने की योजना बनाई थी।
बच्चे की सूझबूझ और बहादुरी से यह घटना बड़ी अनहोनी में बदलने से बच गई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपहरण, हत्या के प्रयास और पॉक्सो एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि बच्चों को सतर्क रहना और आपात स्थिति में आत्मरक्षा की जानकारी होना कितना जरूरी है। साथ ही यह घटना समाज में बढ़ते आर्थिक दबाव और पारिवारिक विश्वास के टूटने की गंभीरता को भी उजागर करती है।