बिहार चुनाव: पहले चरण का प्रचार थमा, नीतीश–मोदी बनाम तेजस्वी–राहुल की जंग अब दूसरे चरण में तेज, जानिए फर्स्ट फेज में किस नेता ने की कितनी सभाएं और क्या रहा मुद्दा Bihar News: बिहार में JDU नेता के भाई, पत्नी और बेटी की मौत; मचा कोहराम Asia University Rankings: भारत के ये संस्थान एशिया के टॉप-100 विश्वविद्यालयों में शामिल, शीर्ष पर यह यूनिवर्सिटी काबिज Bihar Election 2025: वोटिंग के दिन इन चीजों पर रहेगी छूट, आप भी ले सकते हैं लाभ; जानिए क्या है तरीका बिहार चुनाव 2025: अब मोबाइल से मिनटों में डाउनलोड करें अपना वोटर आईडी कार्ड, जानिए DigiLocker से पूरा प्रोसेस Bihar Election 2025: पहले चरण में 121 विधानसभा सीटों पर मतदान कल, इतने बूथों पर होगी वोटिंग; चुनाव आयोग ने किए पुख्ता इंतजाम Bihar Election 2025: बिहार चुनाव बना वैश्विक लोकतंत्र की सीख का केंद्र, इतने देशों के अधिकारी पहुंचे पटना; EVM सेंटर से पोलिंग बूथ तक लेंगे जानकारी Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण: 18 जिलों की 121 सीटों पर कल पड़ेगा वोट, 3.75 करोड़ मतदाता करेंगे इतने उम्मीदवारों का फैसला Kartik Purnima 2025: आज है कार्तिक पूर्णिमा, जानिए स्नान-दान और देव दिपावली का महत्व गया जी में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का रोड शो, डॉ. प्रेम कुमार के समर्थन में मांगा वोट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 05 Nov 2025 07:29:12 AM IST
बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो GOOGLE
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग से पहले राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चुनावी प्रक्रिया पर निगाहें टिकी हैं। भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के अंतर्राष्ट्रीय चुनाव आगंतुक कार्यक्रम (International Election Visitors Programme - IEVP) के तहत सात देशों के वरिष्ठ चुनाव अधिकारी दो दिन के दौरे पर पटना पहुंचे हैं। यह दल बिहार में होने वाले पहले चरण के मतदान की तैयारियों और प्रक्रिया को नजदीक से देखेगा।
इस कार्यक्रम के तहत फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, बेल्जियम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड और कंबोडिया से कुल 14 अधिकारी भारत आए हैं। मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने नई दिल्ली में इन विदेशी अधिकारियों का स्वागत किया और उन्हें भारत की विशाल और जटिल लेकिन पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की रूपरेखा समझाई।
बुधवार को यह विदेशी दल पटना में उन केंद्रों का दौरा करेगा, जहां से मतदान दलों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और अन्य सामग्री के साथ मतदान स्थलों के लिए रवाना किया जाएगा। गुरुवार 6 नवंबर को यह दल बिहार के विभिन्न मतदान केंद्रों पर जाकर मतदान की प्रक्रिया, सुरक्षा व्यवस्था, वेबकास्टिंग सिस्टम और मतदाताओं की भागीदारी को प्रत्यक्ष रूप से देखेगा।
इन विदेशी अधिकारियों का उद्देश्य भारत की चुनावी पारदर्शिता, तकनीकी उपयोग, और मतदाता प्रबंधन प्रणाली को समझना है ताकि वे अपने-अपने देशों में इस अनुभव का लाभ उठा सकें। भारत की EVM और VVPAT प्रणाली, मतदान केंद्रों पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग और सुरक्षित लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट जैसी व्यवस्थाएँ दुनिया के लिए एक मॉडल मानी जा रही हैं।
भारत का चुनाव आयोग विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की चुनावी प्रक्रिया को संचालित करने वाला संस्थान है, जो तकनीकी और प्रशासनिक दृष्टि से अत्यंत उन्नत है। आयोग ने 2014 में IEVP कार्यक्रम की शुरुआत की थी, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली को समझ सके। तब से हर बड़े चुनाव लोकसभा और विधानसभा दोनों में कई देशों के अधिकारी भारत का दौरा कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान 23 देशों के 75 प्रतिनिधियों ने भारत आकर चुनावी प्रक्रिया को देखा था। इस बार बिहार चुनाव को लेकर भी उत्सुकता बनी हुई है, क्योंकि यह देश के पहले बड़े विधानसभा चुनावों में से एक है जो AI-आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम, रियल-टाइम वेबकास्टिंग और डिजिटल चुनावी प्रबंधन जैसे आधुनिक तकनीकी साधनों का उपयोग कर रहा है।
बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराए जा रहे हैं। पहले चरण का प्रचार मंगलवार शाम समाप्त हो गया। अब 6 नवंबर (गुरुवार) को 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा, जबकि 14 नवंबर को मतगणना की जाएगी।
राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों में से पहले चरण में 121 और दूसरे चरण में 122 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को 122 सीटों का बहुमत चाहिए। पहले चरण में 3.75 करोड़ से अधिक मतदाता 1314 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। मतदान के लिए 45 हजार से अधिक केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें महिला संचालित, दिव्यांग संचालित और मॉडल बूथ भी शामिल हैं। प्रत्येक बूथ पर सशस्त्र बलों की तैनाती और वेबकास्टिंग की सुविधा की गई है।
चुनाव आयोग का यह अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम न केवल भारत की चुनावी साख को विश्व पटल पर मजबूत करता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि भारत में लोकतंत्र केवल परंपरा नहीं, बल्कि एक जीवंत व्यवस्था है, जिसे पूरी पारदर्शिता और तकनीकी नवाचारों के साथ निभाया जा रहा है।