Bihar Assembly Election 2025 : पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान, 3.75 करोड़ मतदाता करेंगे वोटिंग; जानिए इन सवालों का जवाब Bihar News: नीतीश कुमार को फिर से CM बनाने के लिए मंत्री अशोक चौधरी और JDU महासचिव रंजीत झा पहुंचे बाबा दरबार...रूद्राभिषेक कर मांगा जीत का आशीर्वाद Bihar Election 2025: विधानसभा चुनाव में पहली बार वोटिंग करेंगे इतने GEN-Z, चुनावी नतीजे पर क्या पड़ेगा असर? Bihar News: बिहार में बाल सुधार गृह से एक दर्जन बच्चे फरार, गार्ड पर हमला कर दीवार फांदकर भागे; अबतक पांच पकड़े गए Bihar News: बिहार में बाल सुधार गृह से एक दर्जन बच्चे फरार, गार्ड पर हमला कर दीवार फांदकर भागे; अबतक पांच पकड़े गए Mokama Violence : मोकामा के वोटरों की रक्षा करना गुनाह है क्या ? शव यात्रा में एक समाज को टारगेट कर गालियां दी गई, बोले ललन सिंह- भूरा बाल साफ़ करो वाला शासन लाना चाहते हैं तेजस्वी ? Bihar Election 2025: ‘अभी दूध के दांत भी नहीं निकले, लालू का बेटा बहुत बोलता है’, ओवैसी का तेजस्वी पर बड़ा हमला Bihar Election 2025: ‘अभी दूध के दांत भी नहीं निकले, लालू का बेटा बहुत बोलता है’, ओवैसी का तेजस्वी पर बड़ा हमला Bihar Election 2025: वोटिंग से पहले राहुल गांधी का बड़ा दाव, क्या बदलेगा समीकरण या होगा बड़ा खुलासा? Munger Election : मुंगेर चुनाव में वोटिंग से पहले बड़ा उलटफेर, जन सुराज प्रत्याशी संजय सिंह भाजपा में शामिल, बदले चुनावी समीकरण
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 05 Nov 2025 10:02:54 AM IST
बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो GOOGLE
Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है और राज्य की सीमाओं के पार एक नई हलचल देखी जा रही है। उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों से हजारों की संख्या में प्रवासी बिहारी मजदूर अपने-अपने गांव लौट रहे हैं, वोट डालने के लिए।
दिलचस्प यह है कि इन यात्राओं की टिकट, भोजन और सुविधा की व्यवस्था रेलवे प्रशासन ने नहीं बल्कि राजनीतिक दलों ने संभाली है। कई स्टेशनों पर राजनीतिक पार्टी के अस्थायी काउंटर खुल गए हैं, जहाँ कार्यकर्ता यात्रियों का नाम, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और विधानसभा क्षेत्र दर्ज कर रहे हैं। ट्रेन में नारेबाजी और “वोटिंग यात्रा” का संदेश साफ देखा जा सकता है।
बिहार से सटे उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई जिलों के रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ देखी जा रही है। बनारस कैंट, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर और प्रयागराज से लेकर झारखंड के धनबाद, रांची, गिरिडीह और जमशेदपुर तक लोग बिहार की ओर जा रही ट्रेनों में सवार हो रहे हैं।
कई राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने कैंप लगाकर यात्रियों की जानकारी एकत्र करना शुरू कर दी है। इन काउंटरों पर दिन-रात रौनक लगी रहती है, और कार्यकर्ता मतदाताओं को मतदान केंद्रों, बूथ नंबर और अपने क्षेत्र की राजनीतिक जानकारी दे रहे हैं।
पटना और अन्य जिलों में पहुंच रहे मतदाताओं के लिए टिकट, हल्का नाश्ता, चाय और भोजन की व्यवस्था मुफ्त की गई है। नियमित ट्रेनों के अलावा विशेष ट्रेनें भी चल रही हैं ताकि प्रवासी मजदूर सुरक्षित और समय पर अपने गंतव्य तक पहुँच सकें।
इस बार प्रवासी मतदाता केवल मतदान के लिए नहीं लौट रहे हैं, बल्कि अपनी राजनीतिक सक्रियता और जागरूकता भी दिखा रहे हैं। कई यात्री खुले तौर पर बताते हैं कि वे अपनी पार्टी के समर्थन में वोट डालने आए हैं। रेलवे प्रशासन इस विशेष व्यवस्था पर चुप है, जबकि विपक्ष इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बता रहा है। सत्ता पक्ष इसे लोकतंत्र में भागीदारी का उदाहरण बताकर बचाव कर रहा है। चुनाव अब केवल विचारों का मुकाबला नहीं रह गया, बल्कि संसाधनों और संगठनात्मक ताकत का भी युद्ध बन गया है।
बिहार की धरती पर लोकतंत्र हमेशा थोड़ी लोककथा और उत्सव का रूप रही है। प्रवासी मतदाता अपने गांव लौटकर कहते हैं, “हम भी लोकतंत्र में हिस्सेदारी करने आए हैं।” हालांकि, इस बार यह उत्सव राजनीतिक रणनीति और संसाधनों की परीक्षा भी बन गया है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 दो चरणों में हो रहा है। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर होगा, जबकि दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा। कुल 3.75 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे।
चुनाव आयोग ने सभी बूथों पर सुरक्षा, वेबकास्टिंग और सशस्त्र बल तैनाती के साथ व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस बार की “वोटिंग यात्रा” और प्रवासी मतदाताओं की भागीदारी यह दिखाती है कि बिहार का लोकतंत्र केवल चुनाव नहीं, बल्कि एक जीवंत सामाजिक और राजनीतिक उत्सव है, जो हर बार नई चुनौतियों और अवसरों के साथ सामने आता है।