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Bihar tribal voters: बिहार में पहली बार इस समाज के हर वयस्क को मिला वोट का हक ,कभी नहीं जानते थे वोट क्या होता है!

Bihar tribal voters: बिहार में पहली बार आदिम जनजातियों के सभी वयस्कों को मिला लोकतंत्र में भागीदारी का अधिकार। जो कभी वोट की परिभाषा से भी अनजान थे, अब वे भी देश की राजनीति में अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 21 Apr 2025 10:36:21 AM IST

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प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google

Bihar tribal voters: बिहार में पहली बार आदिम जनजातियों के हर 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को मतदाता सूची में शामिल कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की गई है। चुनाव आयोग के एक साल तक चले विशेष अभियान के बाद यह सफलता मिली है।


ये जनजातियां, जिन्हें सरकारी भाषा में पीवीटीजी (PVTG - Particularly Vulnerable Tribal Group) कहा जाता है, अब तक मुख्यधारा की नागरिक सुविधाओं से काफी हद तक कटे हुए थे। भाषा की बाधा, स्थायी निवास की अनुपस्थिति और संपर्क की कठिनाइयों के बावजूद आयोग ने अभियान को अंजाम तक पहुंचाया।


10 जिलों में खोज और संपर्क 

गया, नवादा, कैमूर, बांका, भागलपुर, मधेपुरा, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल और किशनगंज, इन दस जिलों में आदिम जनजातियों के परिवारों तक पहुंच बनाकर 3147 वयस्कों को वोटर बनाया गया। इन जिलों में माल पहाड़िया, सौरिया पहाड़िया, पहाड़िया, कोरबा और बिरहोर जैसी जनजातियां निवास करती हैं, जिनकी कुल आबादी आयोग के अनुसार लगभग 7631 है।


संवाद और भरोसे से मिली राह

अभियान के दौरान कई वयस्कों से संपर्क उनके रिश्तेदारों के माध्यम से किया गया। स्थानीय भाषा बोलने वालों की मदद से संवाद स्थापित कर वोटर लिस्ट में नाम दर्ज किए गए। आदिम जनजातियों की जीवनशैली में जंगलों पर निर्भरता, मौसमी आवास और पत्तों से बनाए गए अस्थायी घर अब भी देखने को मिलते हैं।


लोकतंत्र की ओर एक मजबूत कदम

चुनाव आयोग का यह कदम न केवल लोकतांत्रिक भागीदारी को बढ़ाने वाला है, बल्कि यह आदिम जनजातियों के लिए भी एक नई पहचान और अधिकारों की दिशा में अग्रसर होने का अवसर है।