Bihar Crime News: काजू हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, वारदात में शामिल दो बदमाश अरेस्ट; शक के घेरे में बिहार का दारोगा पूर्वी चंपारण में शर्मनाक घटना: टैंकर के पलटने के बाद तेल लूटने की मची होड़, किसी ने नहीं की घायल ड्राइवर की मदद Bihar Transport News: 1.24 लाख घूस लेने में अदना सा 'परिवहन सिपाही' पर केस..हाकिम तो बच गए ! किसके इशारे पर महिला के खाते में मंगवाई गई राशि ? घर पर ट्यूशन पढ़ाते-पढ़ाते 11 साल के बच्चे से प्यार कर बैठी 23 साल की लेडी टीचर, घुमाने के बहाने कई होटल में ले जाकर किया गंदा काम Bihar News: बाइक समेत गड्ढे में जा गिरे तीन दोस्त, दो की मौके पर हुई मौत; बकरी के चक्कर में गई जान Caste census india: जाति जनगणना की अनदेखी करने वाली कांग्रेस अब मुखर, बीजेपी की सहमति के पीछे क्या है राज? Bihar Mausam Update: बिहार के इन 9 जिलों में शाम तक आंधी-पानी-वज्रपात की चेतावनी, कौन-कौन जिला हैं शामिल जानें.... PIL Pahalgam Attack Rejected: मौजूदा समय सेना पर सवाल उठाने का नहीं, बल्कि एकजुट रहने का है: सुप्रीम कोर्ट Labour Law India: लेबर लॉ के पालन न होने की वजह से, जानिए कैसे सरकारी नौकरी बन गई भारतीय युवाओं की पहली पसंद? Chanakya Niti: इन 4 जगहों पर भूलकर भी न खोलें अपना मुंह, वरना टूट सकता है मुसीबतों का पहाड़
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 24 Feb 2025 04:52:13 PM IST
यूपी सरकार को बड़ी राहत - फ़ोटो google
Maha Kumbh Stampede Case: बीते 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ मामले में यूपी की योगी सरकार को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस मामले पर अहम सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई के बाद भगदड़ को लेकर दाखिल याचिका को खारिज कर दिया।
दरअसल, बीते 29 जनवरी को प्रयागराज में मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ में स्नान करने के लिए संगम घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी। इसी दौरान भदगड़ मच गई और इस भगदड़ में 30 लोगों की जान चली गई जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए थे। घटना की जांच के लिए योगी सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया था। सरकार ने आयोग से एक माह के भीतर रिपोर्ट मांगी लेकिन बाद में समय सीमा को बढ़ा दिया।
इसी बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव सुरेंद्र चंद्र पांडेय ने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की। इस याचिका में भगदड़ के दौरान लापता हुए लोगों का पता लगाने, पीड़ितों की सही गिनती किए जाने और निगरानी समिति गठित करने समेत अन्य मांगे की गई थीं। सोमवार को हाई कोर्ट में इस जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया कि न्यायिक आयोग की जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। जांच में ऐसे बिंदुओं को भी शामिल किया गया है, जिसकी मांग जनहित याचिका में की गई थी। आयोग को जांच के लिए एक महीने का अतिरिक्त समय भी दिया गया है। चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया।
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी बातों को न्यायिक आय़ोग के समक्ष रख सकते हैं। अगर वह न्यायिक आयोग की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होते हैं तो फिर से कोर्ट आ सकते हैं। इसके साथ ही अदालत ने इस जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया।