ब्रेकिंग न्यूज़

IPL2025: "हमें विनम्र बने रहने की जरुरत", अंकतालिका में टॉप पर जाने के बाद हार्दिक और सूर्या का बड़ा बयान, फैंस बोले "ये दोनों MI के पिलर हैं" Gold theft jewellery shop: थानेदार बनकर आया, लाखों के गहने ले उड़ा, CCTV फुटेज देख दंग रह गया दुकानदार! Bihar Politics: "नीतीश को साइडलाइन करने की हिम्मत किसी में नहीं": मनोज तिवारी.. चिराग के भविष्य और पवन सिंह के BJP में आने पर भी बोले Road Accident Death : कुछ महीने पहले हुई थी शादी, अब सड़क हादसे में सुप्रीम कोर्ट के वकील की मौत,पत्नी घायल Caste Census: बिहार चुनाव और पहलगाम हमले से है जातीय जनगणना का कनेक्शन? विपक्ष के तीखे सवालों के बाद जनता सोचने पर मजबूर Pakistan Airspace: पाकिस्तान द्वारा एयरस्पेस बंद किए जाने के बाद एयर इंडिया को भारी नुकसान, बढ़ीं मुश्किलें Bihar News: पटना में हाईटेक हाइड्रोलिक पार्किंग सिस्टम, अब कार्ड स्कैन करो और कार खुद हो जाएगी पार्क Double Money Scheme fraud: बिहार में 24 घंटे में पैसा डबल करने का झांसा, एक करोड़ से अधिक की ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार CBSE 10th Result 2025: सीबीएसई 10वीं का रिजल्ट जल्द होगा जारी, जानिए.. कब और कहां आएगा परिणाम, कैसे करें चेक? Bihar Vehicle Rules 2025: बिहार में दूसरे राज्यों की गाड़ी चलाने वालों की अब खैर नहीं, इन नियमों का पालन नहीं किया तो धो बैठेंगे अपने वाहन से हाथ

14 अगस्त को 12:01 बजे शान से लहराया तिरंगा, बिहार में इस जगह आधी रात को मनाता है आजादी का जश्न

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 15 Aug 2024 07:43:49 AM IST

14 अगस्त को 12:01 बजे शान से लहराया तिरंगा, बिहार में इस जगह आधी रात को मनाता है आजादी का जश्न

- फ़ोटो

PURNIYA : देश आज यानी 15 अगस्त को आजादी का जश्न मना रहा है लेकिन बिहार के पूर्णिया में 14 अगस्त की आधी रात को ही तिरंगा फहरा दिया है। यह परंपरा 1947 से ही चली आ रही है। वहां मध्यरात्रि को झंडोत्तोलन किया जाता है। अटारी-वाघा बॉर्डर की तरह पूर्णिया में भी आधी रात को आजादी का जश्न मनाया जाता है।  पूर्णिया के सहायक थाना क्षेत्र के भट्ठा बाजार झंडा चौक पर 'जन-गण-मन' राष्ट्रगान के बीच भारतीय तिरंगा अपने शौर्य और वैभव की अलख बिखेरता नजर आता है। 


जेपी आंदोलन में बतौर छात्र नेता महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले समाजसेवी और वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक बताते हैं कि देश में वाघा बॉर्डर के बाद पूर्णिया ही एक मात्र ऐसा दूसरा स्थान है, जहां ठीक 12:01 मिनट पर झंडोत्तोलन किया जाता है। वहीं, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को बेहद करीब से देखने वाले 89 साल के भोला नाथ आलोक की मानें तो 14 अगस्त की उस अंधेरी रात को महज पंच लाइट की रौशनी में गूंजती इस राष्ट्रगान की आवाज तब समूचे पूर्णिया ने सुनी थी। 


पूर्णिया के इस स्वर्णिम इतिहास पर गौर करें तो 14 अगस्त की वह रात कई मायनों में रामेश्वर और उनके पांच अहम दोस्तों के लिए बेहद खास थी।  यही वे पांच परवाने थे, जिन्होंने महज पांच की संख्याबल से पूर्णिया के लांखों लोगों के दिलों में आजादी की अलख जगाई थी। एक पत्र लिखकर बापू ने कुछ रोज पहले ही रामेश्वर को इस बात की अप्रत्याशित जानकारी दी थी कि बेहद जल्द हम सबों की मेहनत रंग लाने वाली है।  लिहाजा, उसी रात रामेश्वर और उनके पांच अहम साथियों ने यह संकल्प कर लिया था कि जैसे ही रेडियो से आजादी की उदघोषणा की खबर प्रसारित की जाएगी, उसी रोज हम सभी पूर्णिया के इस झंडा चौक से तिरंगा लहराएंगे। 


बताया जाता है कि, 14 अगस्त 1947 की रात देश में जैसे ही लार्ड माउंट बेटेन द्वारा भारतीय डेमोनीयन को स्वतंत्र किए जाने की खबर रेडियो प्रसारण के जरिये पूर्णिया के स्वतंत्रता परवानों तक पहुंची, पूर्णिया में असहयोग आंदोलन, दांडी आंदोलन और जेल भरो आंदोलनों जैसे कई अहम आंदोलनों में जिले से बतौर सक्रिय कांग्रेस नेता रामेश्वर प्रसाद सिंह और उनके जैसे अनेकों परवाने आजादी की खुशी में इतने उत्साहित हो गए. बगैर किसी देरी के झंडा चौक पर पहले से रखे कच्चे बांस को उठाया और वह तिरंगा जो अब तक अंग्रेजों के विरुद्ध आजादी की लड़ाई के काम आ रहा था, उस तिरंगे के एक सिरे को बांस से बांधकर ठीक 12:01 मिनट पर रामेश्वर ने तिरंगा फहरा दिया।