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आरक्षण पर सियासत को तगड़ा झटका, जीतन राम मांझी की बैठक से JDU के मंत्रियों ने कन्नी काटी, बिखर गया मोर्चा

1st Bihar Published by: Updated Fri, 12 Jun 2020 06:18:28 PM IST

 आरक्षण पर सियासत को तगड़ा झटका, जीतन राम मांझी की बैठक से JDU के मंत्रियों ने कन्नी काटी, बिखर गया मोर्चा

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PATNA : SC/ST को आरक्षण के नाम पर कांग्रेस के लिए सियासी बाजी बिछा रहे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को करारा झटका लगा है. मांझी की पहल पर बना बिहार विधानमंडल अनुसूचित जाति/जनजाति आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा बिखर गया है. मांझी ने आज कांग्रेस विधायक अशोक कुमार के घर इस मोर्चा की बैठक बुलायी थी लेकिन जेडीयू के दो प्रमुख मंत्रियों ने इससे कन्नी काट लिय़ा. उधर आरजेडी के विधायकों ने अलग मोर्चा खोल लिया है.


दरअसल आरजेडी द्वारा किनारे कर दिये गये बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार विधानमंडल अनुसूचित जाति/जनजाति आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा का गठन किया है. इसमें बिहार विधानसभा और विधान परिषद के सारे अनुसूचित जाति के विधायकों को गोलबंद करने की कवायद की जा रही है. मैसेज ये दिया जा रहा है कि केंद्र की मौजूदा बीजेपी सरकार आरक्षण विरोधी है. मांझी का मोर्चा ये दावा कर रहा है कि देश भर के SC और ST विधायकों को गोलबंद कर आरक्षण के पक्ष में मोर्चा खोला जायेगा.


जेडीयू के मंत्रियों ने कन्नी काटा, बिखर गया मोर्चा
जीतन राम मांझी की ओर से बनाये गये बिहार विधानमंडल अनुसूचित जाति/जनजाति आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा की आज पांचवी बैठक थी. इस बैठक से आज जेडीयू के दो प्रमुख मंत्रियों महेश्वर हजारी और संतोष कुमार निराला ने कन्नी काट ली. मोर्चा की पहले की बैठकों में जेडीयू के ये दोनों मंत्री शामिल होते रहे हैं लेकिन आज दोनों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया.


आरजेडी विधायकों की अलग बैठक
उधर आरक्षण के मोर्चे पर आरजेडी के SC-ST विधायकों ने आज अलग से बैठक की. आरजेडी विधायक खुल कर कह रहे हैं कि जीतन राम मांझी का मोर्चा आरक्षण की लड़ाई कमजोर करने की साजिश है. जेडीयू और बीजेपी के विधायकों के साथ आरक्षण की लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है. अगर किसी विधायक को आरक्षण बचाने की लड़ाई लड़ना है तो वो बीजेपी और जेडीयू से इस्तीफा देकर आरजेडी में शामिल हो और फिर आगे की लड़ाई लड़े.


जाहिर है जीतन राम मांझी ने जो बिसात बिछायी थी उस पर उन्हें मात मिलती दिख रही है. सियासी जानकारों के मुताबिक आरजेडी द्वारा पूरी तरह नकार दिये जाने के बाद जीतन राम मांझी ने ये मोर्चा बनाया था. सियासी जानकारों की मानें तो इस मोर्चा के पीछे कांग्रेस का दिमाग काम कर रहा है. मांझी इन दिनों कांग्रेस के लगातार संपर्क में हैं. कांग्रेस की कोशिश यही थी कि अनुसूचित जाति के विधायकों को लामबंद कर बीजेपी-जेडीयू के खिलाफ माहौल बनाया जाये.


सिर्फ 10 विधायक-विधान पार्षद आज की बैठक में पहुंचे
जीतन राम मांझी के बिहार विधानमंडल अनुसूचित जाति/जनजाति आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा की बैठक आज कांग्रेस के विधायक अशोक राम के घर पर थी. इसमें सिर्फ 10 विधायक और विधान पार्षद पहुंचे. मांझी ने अपने मोर्चा के संचालन के लिए 14 सदस्यीय संचालन समिति बनायी थी. उसके ज्यादातर सदस्य बैठक से गायब रहे.


अब नीतीश से मिलने का टाइम मांगेंगे मांझी के मोर्चा के विधायक
जीतन राम मांझी के मोर्चा की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक मोर्चा के सभी सदस्यों द्वारा ने राज्यपाल फागु चौहान जी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने का टाइम देने के लिए पत्र लिखा है. नीतीश कुमार की ओर से तो कोई आश्वासन नहीं मिला है लेकिन मोर्चा ने कहा है कि राज्यपाल द्वारा जल्द ही समय देने की बात कही गयी है.