Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Transfer Posting: नीतीश सरकार ने सात अनुमंडल के SDO को हटाया और बनाया डीटीओ, 54 अफसरों को किया गया है इधऱ से उधर Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम Bihar News: नाबार्ड की मदद से बिहार की ग्रामीण सड़कों को मिली नई रफ्तार, गांवों से शहरों की दूरी हो रही कम
1st Bihar Published by: PRASHANT KUMAR Updated Fri, 04 Sep 2020 01:31:10 PM IST
- फ़ोटो
DARBHANGA : कोरोना संक्रमण के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य था कि देश भर के लोगों को राशन को लेकर किसी प्रकार की परेशानी न हो. लेकिन बिहार में ठीक तरीके से अनाज का वितरण नहीं होने की वजह से अगस्त माह समाप्त होने के बाद भी राशन वितरण का मात्र 24 प्रतिशत ही हो पाया है. वहीं, बिहार सरकार के खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि बाढ़ की वजह से अनाज का उठाव नहीं हो पाया. लेकिन पानी घटते ही हम लोग युद्ध स्तर पर वितरण शुरू कर दिए हैं.
मदन सहनी ने कहा कि बिहार के आधे से ज्यादा जिलों में बाढ़ का पानी था, जिसकी वजह से सही समय पर अनाज का उठाव नहीं हो पाया इसलिए देर हुई है. लेकिन हम लोग अभी वितरण का कार्य प्रारंभ किए हैं और अभी हम लोग 24% अनाज का वितरण कर चुके हैं. शेष बचे हुए सभी लाभुकों को हम लोग जल्द अनाज पहुंचाएंगे. इसके लिए हम लोगों ने अवधि विस्तार का समय ले रखा है. वहीं, उन्होंने कहा कि अब अनाज पहुंचाने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं है.
खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में सभी लोगों ने बहुत बेहतरीन ढंग से काम किया है । इसका नतीजा है कि इतने लंबे समय तक लॉकडाउन रहने के बावजूद भी कोई व्यक्ति किसी के सामने हाथ फैलाने के लिए नहीं गया. उन्होंने कहा कि इससे पहले जितनी भी महामारी हुई, उसमें हम लोगों ने देखा है कि बीमारी से ज्यादा लोग भुखमरी के शिकार होते थे. लेकिन इस बार की महामारी के दौरान पूरे देश के अंदर ये शिकायत सुनने को नहीं मिला कि कहीं भी कोई भुखमरी का शिकार हुआ है.