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1st Bihar Published by: AKASH KUMAR Updated Thu, 15 Dec 2022 07:24:43 PM IST
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AURANGABAD: बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हुए करीब 6 साल हो चुके हैं लेकिन आज भी जहरीली शराब से मौतें हो रही है। पैसे की लालच में जहरीली शराब बेचा जा रहा है और इसे पीने से लोगों की जाने जा रही है। छपरा में जहरीली शराब पीने से 40 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है। इस घटना को लेकर पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है।
इस घटना की चर्चा प्रदेश और देश में हो रही है। साथ ही इसकी गूंज बिहार विधानमंडल और संसद तक सुनी गयी। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह ने छपरा की इस घटना के लिए नीतीश सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि नीतीश सरकार लोगों को जहरीली शराब पिलाकर सामूहिक हत्या करवा रही है।
औरंगाबाद से भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह ने नीतीश सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की बात तक कह दी है। वहीं सारण जिले से सांसद राजीव प्रताप रूडी ने गृह मंत्री से बिहार एक केंद्रीय टीम भेजने की मांग करते हुए कहा कि यह मामला काफी सिंसेटिव है। इस कांड ने मानवता को झकझोर कर रख दिया है।
जबकि महाराजगंज से सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल ने भी संदिग्ध मौतों पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय गृहमंत्री व गृह राज्य मंत्री को पत्र लिखकर दोषियों पर कार्रवाई करने और मृतक के आश्रितों को मुआवजा दिए जाने के लिए अपने स्तर से बिहार सरकार को निर्देशित करने की अपील की।
वहीं औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह ने संसद के चालू शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार को लोकसभा में बिहार में केंद्र सरकार की फसल बीमा योजना को लागू करने और मधुआ कीट के प्रकोप से फसलों को हुए नुकसान के लिए किसानों को मुआवजा दिये जाने की मांग की। सांसद ने सदन में सभापति को बोलने का अवसर देने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि बिहार में दक्षिण बिहार एवं उत्तर बिहार के साथ-साथ पूरे बिहार में इस वर्ष अनावृष्टि के कारण धान की फसल बर्बाद हो गई है।
अकाल की स्थिति आ गई है। इसके बावजूद जहां-जहां नहर के माध्यम से सिंचाई की सुविधा थी, वहां के किसानों ने अपने खेत में धान की बुआई की। जहां नहर की सुविधा नहीं थी, वहां के किसानों ने पम्प के माध्यम से किसी तरह अपने खेतों में धान की रोपाई का कार्य किया। उसमें भी एक मधुआ नाम का रोग लगा और उनकी फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। ऐसे में किसानों का दोहरा नुकसान हुआ है। जिन लोगों ने धान की रोपनी में जुताई कोड़ाई, फर्टिलाइजर वगैरह में अपना सारा पैसा खर्च कर दिया, वे संकट में है।
सांसद ने कहा कि सरकार से कहना चाहता हुं कि बिहार में केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही फसल बीमा योजना लागू नहीं है। इस कारण किसानों को बीमा की राशि नहीं मिल पाती है। बिहार सरकार की स्थिति यह है कि उससे कोई उम्मीद नहीं है। बिहार सरकार जहरीली शराब पिला कर सामूहिक हत्याएं करा रही है। इसलिए बिहार सरकार से कोई उम्मीद नहीं है कि वह किसानों को राहत पहुंचाएगी एवं मदद करेगी। यहां तो फसल बीमा योजना लागू ही नहीं है। इसलिए उनकी भारत सरकार से मांग है कि जिन किसानों का फसल मधुआ रोग से बर्बाद हुआ है, उन्हे उसका मुआवजा भारत सरकार के माध्यम से दिया जाए।