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1st Bihar Published by: VISHWAJIT ANAND Updated Thu, 23 Nov 2023 11:10:19 AM IST
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PATNA : बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत है। यह बातें किसी से छुपी हुई नहीं है। हम पिछड़ गए हैं, इसमें परहेज नहीं है। जैसे कि हमारे किसानों की आमदनी का सवाल जो भी आज बेहद कम है या उच्च शिक्षा की बात कर ले तो जातीय गणना के जो आंकड़ा है उसमें भी साफ हो गया की मात्र 7% ग्रेजुएट हैं। जबकि बिहार के लोग काफी पढ़े लिखे हैं इसके बावजूद यह संख्या सामने आई है। ऐसे में जरूरी है बिहार की तरक्की के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए विशेष सहायता की जरूरत है। यदि यह मान भी लिया जाए की कोई कानून विशेष राज्य देने से रोकता है तो वह विशेष सहायता देने से नहीं रोक सकता है। यह बातें बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री और राजद विधायक सुधाकर सिंह ने कही है।
राजद विधायक सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य ना मिले तो कम से कम विशेष सहायता ही प्रदान किया जाए ताकि बिहार का विकास हो सके। विशेष सहायता उसको मिलना चाहिए जो सबसे कमजोर लोग हैं। और सबसे कमजोर लोग बिहार के लोग हैं इसलिए सहायता भी इन्हीं को मिलना चाहिए। लेकिन विशेष सहायता मिल उनको रहा है जो सबसे ताकतवर लोग हैं। इस देश के कानून का सिद्धांत यह है राजनीति में की बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है। कमजोरी के पक्ष में कोई नहीं खड़ा होना चाहता सभी लोग ताकतवर के पक्ष में खड़ा होना चाहते हैं।
वहीं, कृषि रोड मैप पर सवाल उठाते हुए सुधाकर सिंह ने कहा कि कृषि रोड मैप में पहले दूसरे, तीसरे में जो प्रावधान थे वहीं चौथे में भी है। इसमें कोई भी गुणात्मक बदलाव नहीं है। बस एक जैसा बजट बनाने का। लोगों को जरूरत कुछ और है दिया कुछ और जा रहा है। आप खुद देख सकते हैं उन राज्यों में किस को बोनस दिया जा रहा है बिहार में ऐसा कुछ भी नहीं है। सरकार की मंशा भी है कि बिहार के सबसे गरीब जो है उनको हम आर्थिक मदद पहुंचाएं तो फिर आर्थिक मदद का इससे बड़ा आधार क्या हो सकता है। किसानों के फसल को हम दम दे दें तो यह भी एक आर्थिक मदद होगी।
जिन राज्यों में चुनाव है वहां केंद्र सरकार किसानों को बोनस उपलब्ध करवा रही है तो फिर बिहार को क्यों नहीं दिया जा रहा है? अगर यहां किसानों को मदद नहीं मिल रहा है तो राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों की सामूहिक जरूरत है। जरूरत पड़े तो राज्य सरकार के सीएम और मंत्री को दिल्ली में जाकर इसको लेकर बातचीत करनी चाहिए। उन्हें पूछना चाहिए कि केवल बोनस उन्हें राज्यों में क्यों जहां चुनाव है बाकी राज्यों में क्यों नहीं। तभी जाकर देश के किसानों का संपूर्ण विकास होगा।