1st Bihar Published by: Updated Fri, 03 Apr 2020 07:02:39 AM IST
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BHAGALPUR : कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉकडाउन में 3 दिनों से भूखी भागलपुर की लड़कियों को प्रधानमंत्री के पास गुहार लगानी पड़ी. भूख से तड़प रही लड़कियों की गुहार पर जब प्रधानमंत्री कार्यालय एक्शन में आया तो बिहार के अधिकारियों की नींद टूटी. भागते-दौड़ते अधिकारियों की टीम लड़कियों के पास पहुंची और फिर उनके खाने का इंतजाम हुआ.
भूखमरी की कगार पर थी भागलपुर की 3 बहनें
मामला भागलपुर के बड़ी खंजरपुर का है. देश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे का घर इसी शहर में है. भागलपुर के बड़ी खंजरपुर इलाके के पास विषहरी स्थान में तीन बहनें गौरी कुमारी, आशा कुमारी और कुमकुम कुमारी रहती हैं. तीनों लडकियों के पिता सनोद रजक और मां की मौत पहले ही हो चुकी है. तीनों बहनें लोगों के घरों में दाई का काम कर अपना जीवन चला रही थीं.
लेकिन पिछले 10 दिनों से उनका काम बंद हो गया था. कोरोना वायरस के डर और लॉकडाउन के कारण जिन घरों में वे काम कर रही थीं वहां से काम करने पर मनाही हो गयी. लोगों ने उन्हें घरे आने से मना कर दिया. नतीजतन तीनों ल़ड़कियां अपने घर में ही कैद हो कर रह गयीं. घर में खाने-पीने का थोड़ा बहुत सामान था वो 5-6 दिन में खत्म हो गया. पिछले तीन दिनों से घर में खाने के लिए कुछ नहीं था और तीनों लड़कियां अपने घर में भूखे तडप रही थीं.
प्रधानमंत्री को फोन किया तो मिली मदद
भूख से तड़प रही लडकियों ने मजबूरी में प्रधानमंत्री कार्यालय में फोन किया और अपनी पीड़ा बतायी. इसके बाद बिहार के अधिकारियों के पास दिल्ली से फोन आना शुरू हुआ. जगदीशपुर के सीओ सोनू भगत ने बताया कि पीएमओ ने बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग को तीनों लड़कियों को तत्काल मदद करने का निर्देश दिया. इसके बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थानीय अधिकारियों से संपर्क साधा. CO ने बताया कि जब वे लडकियों के घर पहुंचे तो तीनों लड़कियां भूखीं थीं. घऱ में खाने का कोई सामान नहीं था. हालांकि शारीरिक तौर पर तीनों लड़कियां स्वस्थ थीं.
CO ने बताया कि तीनों लड़कियों को खाने के साथ साथ खाने का सूखा सामान भी दिया गया है. उन्हें चूड़ा, दालमोट, बिस्कुट भी दिया गया है. सीओ ने कहा कि हर रोज तीनों बहनों को खाना दिया जायेगा. आज उन्हें एक सप्ताह का राशन भी दिया जाएगा. प्रशासन उन्हें दूसरी सुविधायें भी उपलब्ध करायेगा.