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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 19 Nov 2024 08:44:33 PM IST
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BHAGALPUR: बिहार बीजेपी (Bihar BJP) के अंदर चल रहा खेल अब खुल कर सामने आने लगा है. पार्टी के अंदर पिछले दो सालों से सबसे ज्यादा चर्चा सम्राट चौधरी कल्चर की हो रही थी. चर्चा ये थी कि सम्राट चौधरी के पावर में आने के बाद बीजेपी के असली कार्यकर्ता और नेता हाशिये पर ढ़केल दिये गये हैं. सम्राट चौधरी के कुछ खास लोग की पार्टी से लेकर सरकार में हावी हैं.
आज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी इशारों में सही, इस बात को मान लिया. दिलीप जायसवाल को पार्टी की खुली बैठक में ये ऐलान करना पड़ा कि उन्होंने अपने डिप्टी सीएम औऱ मंत्रियों को सख्त हिदायत दे दी है कि अब पार्टी में नवाबी नहीं चलेगी.
दिलीप जायसवाल की खुली चेतावनी
दरअसल, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य सरकार में मंत्री दिलीप जायसवाल मंगलवार को भागलपुर के दौरे पर थे. भागलपुर में उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. बैठक में कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराजगी जतायी. उनका आरोप था कि बीजेपी में अब कुछ खास लोगों की ही चल रही थी. सालों से अपना खून-पसीना देने वाले कार्यकर्ता हाशिये पर ढ़केल दिये गये हैं. इसके बाद दिलीप जायसवाल अपने ही डिप्टी सीएम और मंत्रियों पर जमकर बरसे.
नवाबी छोड़नी पड़ेगी
भागलपुर में दिलीप जायसवाल ने कार्यकर्ताओं की खुली बैठक में कहा-“ बीजेपी कोटे से जितने भी डिप्टी सीएम और मंत्री हैं, सबको मैंने कह दिया है. आप लोग अपने स्वभाव औऱ संस्कार को बदलिये. बीजेपी के स्वभाव और संस्कार को अपनाना होगा. कोई अरिस्टोक्रेसी नहीं चलेगी. ये मैंने स्पष्ट आदेश अपने सारे डिप्टी चीफ मिनिस्टर और मंत्रियों को दे दिया है.”
गेट तक दौड़ कर जायें डिप्टी सीएम और मंत्री
दिलीप जायसवाल ने कार्यकर्ताओं की खुली बैठक में कहा-मैंने अपने सारे डिप्टी सीएम और मंत्रियों को कहा है. अगर हमारा कोई कार्यकर्ता पटना जाता है तो जिस तरह भगवान कृष्ण अपने सुदामा के लिए नंगे पांव दौड़ कर आये थे, वही आदत सीखना पड़ेगा. कार्यकर्ता के लिए गेट तक दौड कर जाना पड़ेगा. उसे गले लगाना सीखना पड़ेगा. यही भारतीय जनता पार्टी का संस्कार है.
गणेश परिक्रमा नहीं चलेगा
दिलीप जायसवाल ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी संभाले मुझे बहुत कम दिन हुआ है. लेकिन मैंने स्पष्ट तौर पर पार्टी के सिस्टम के सभी लोगों को साफ साफ कह दिया है. खास तौर पर जो नेता पटना में परमानेंट रहते हैं, उन लोग को समझा दिया. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पटना में रहने वाले नेताओ को मैंने समझा दिया है कि वे गांव में जायें, बूथ पर जायें, शक्ति केंद्र पर जायें. मुझे किसी भी सूरत में पटना में रहकर गणेश परिक्रमा करने वाले नेता पसंद नहीं हैं.
पार्टी को सुधारेंगे
प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि मैंने अपनी पार्टी में सुधार की कोशिश शुरू कर दी हैं. मेरे दरवाजे पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए 24 घंटे खुले हैं. बाकी जितने बड़े नेता हैं उन्हें मैंने धरातल पर उतरने का निर्देश दिया है. वे धरातल पर उतर कर जनसंघ जैसा माहौल फिर से लाना है.
जायसवाल के तेवर के क्या हैं मायने
दरअसल, संगठन के लिए जाने जानी वाली बीजेपी की बिहार में दुगर्ति की चर्चा जोरों पर थी. पार्टी देख रही थी कि उसके जमीनी कार्यकर्ता पूरी तरह सुस्त हो गये हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को इसका अंदाजा हुआ था. इसके बाद ही नये प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति हुई थी. पार्टी के अंदर चर्चा ये हो रही थी कि काफी दिनों तक आलाकमान ने सम्राट चौधरी को सारा पावर दे रखा था. लेकिन सम्राट चौधरी को बीजेपी के ऑरिजनल कल्चर से कोई लेना-देना नहीं था.
सम्राट की पूरी राजनीति तो जेडीयू और आरजेडी में रहकर हुई. कुछ साल पहले वे बीजेपी में शामिल हुए और फिर उन्हें सारा पावर सौप दिया गया. सम्राट चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सालों से काम कर रहे पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को उपेक्षा का सामना करना पड़ा. खुलेआम ये आरोप लगता रहा कि सम्राट चौधरी के इर्द-गिर्द घुमने वाले चार नेताओं के पास ही असली पावर है.
इस बीच बीजेपी में गुटबाजी की चर्चा भी आम रही. सम्राट चौधरी के साथ साथ विजय कुमार सिन्हा औऱ दिलीप जायसवाल के अलग-अलग कैंप होने की चर्चा खूब होती रही. अब प्रदेश अध्यक्ष पार्टी को दुर्गति से बचाने की कोशिश में लगे हैं. उन्हें अगला विधानसभा चुनाव नजर आ रहा है. लिहाजा कार्यकर्ताओं के बीच मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं.