वैशाली में कोचिंग जा रही छात्रा से छेड़खानी, केस वापस लेने का दबाव, पूरे परिवार को जान से मारने की दी धमकी पुल निर्माण के दौरान मिट्टी धंसने से 10 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत, बकरी चराने के दौरान हादसा BIHAR: निषाद आरक्षण पर राजनीति तेज, VIP ने BJP पर जनता को बरगलाने का लगाया आरोप मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी
1st Bihar Published by: HARERAM DAS Updated Thu, 21 Nov 2024 07:21:22 PM IST
- फ़ोटो
BEGUSARAI: बेगूसराय न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शबा आलम ने शाम्हो प्रखंड अंतर्गत अकबरपुर पुरानी डीह में हुए एक डबल मर्डर मामले में 12 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
क्या था मामला
साल 2004 में अकबरपुर पुरानी डीह निवासी मुकेश सिंह ने नयागांव थाने में एक मामला दर्ज कराया था। मुकेश सिंह ने आरोप लगाया था कि 8 मार्च 2004 की रात को शाम्हो प्रखंड अंतर्गत अकबरपुर पुरानी डीह गांव के ठाकुरबाड़ी के पास उसके भाई सिपुल सिंह और ललन सिंह को घेरकर आरोपियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
कानूनी लड़ाई
इस मामले में सभी आरोपियों को वर्ष 2015 में जिला न्यायालय से बरी कर दिया गया था। लेकिन, सूचक मुकेश सिंह ने इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने इस मामले को फिर से खोलने का आदेश दिया और जिला न्यायालय को चार महीने के अंदर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा।
न्यायालय का फैसला
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शबा आलम ने 10 गवाहों की गवाही के आधार पर सभी 12 आरोपियों को भारतीय दंड विधान की धारा 302 (हत्या), 148 (दंगा), 149 (दंगा में शामिल होना) और आर्म्स एक्ट की धारा 27 (अनधिकृत रूप से हथियार रखना) के तहत दोषी करार दिया। न्यायालय ने प्रत्येक आरोपी पर आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही, धारा 148 के तहत 2 साल का कारावास और 2 हजार रुपये का जुर्माना और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत 2 साल का कारावास और 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।