Unique Party Trend: बिना दूल्हा-दुल्हन के हो रही शादी! दिल्ली में सामने आया नया ट्रेंड, जानिए.. Life Style: गर्मियों में इसके पत्तों का सेवन क्यों है जरूरी? जानिए.. इसके 5 चमत्कारी फायदे Bihar Politics on caste census: जाति जनगणना पर क्रेडिट की मची होड़: डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का हमला, बोले— तेजस्वी सिर्फ मौके की तलाश में रहते हैं! Samastipur Snake Catcher: नहीं रहे 'सांपों के मसीहा' जय सहनी, जिनकी जिंदगी बचाने को रहते थे हमेशा तत्पर, उन्हीं में से एक ने ले ली जान Parent-child relation: बच्चों को शर्मिंदा कर देती हैं पैरेंट्स की ये आदतें, जानिए क्यों बच्चे बनाने लगते हैं दूरियां Bihar Assembly Election 2025: जहानाबाद में बिछने लगी बिसात...NDA में किसके खाते में जाएगी सीट ? दर्जन भर हैं दावेदार..किनका टिकट होगा फाइनल,जानें... IPL2025: "हमें विनम्र बने रहने की जरुरत", अंकतालिका में टॉप पर जाने के बाद हार्दिक और सूर्या का बड़ा बयान, फैंस बोले "ये दोनों MI के पिलर हैं" Made in India: डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ वॉर के बाद अमेरिका में 'मेड इन इंडिया' की गूंज! Gold theft jewellery shop: थानेदार बनकर आया, लाखों के गहने ले उड़ा, CCTV फुटेज देख दंग रह गया दुकानदार! Bihar Politics: "नीतीश को साइडलाइन करने की हिम्मत किसी में नहीं": मनोज तिवारी.. चिराग के भविष्य और पवन सिंह के BJP में आने पर भी बोले
1st Bihar Published by: MANOJ KUMAR Updated Mon, 02 Dec 2024 05:48:23 PM IST
- फ़ोटो
MUZAFFARPUR: फर्जी रेल टिकट के जरिए रेलवे को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले चार शातिर को मुजफ्फरपुर आरपीएफ की टीम ने पटना के होटल से अरेस्ट किया है। आरपीएफ की टीम ने पटना के गौरैया टोला स्थित शांति होटल में छापेमारी कर चारों को दबोचा है। गिरोह के सदस्य कम दूरी की जनरल ट्रेन टिकट को टेंपरिंग कर लंबी दूरी का टिकट बना देते थे। पिछले दो साल में यह गिरोह रेलवे को करोड़ों रुपए का चूना लगा चूका है।
गिरफ्त में आए चारों शातिरों में मुजफ्फरपुर के पारू थाना क्षेत्र का रहने वाला उमेश सहनी, सरैया का दशरथ सहनी, संतोष साह और वैशाली का रहने वाला बिगु राम शामिल है। चारों गिरफ्तार आरोपियों के पास से सैकड़ों मोहर, जाली टिकट और मोबाइल फोन को बरामद किया गया है। मुजफ्फरपुर आरपीएफ टीम ने टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर छापेमारी कर पटना से चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्त में आए चारों आरोपी लोकल टिकट में टेंपरिंग कर उसे लंबी दूरी का टिकट बना देते थे और टिकट काउंटर पर खड़े भोले भाले जनता को बेचकर उससे अथाह रुपया कमाते थे। इन आरोपियों के काम करने का तरीका कुछ अलग ही था। पहले गिरोह का एक सदस्य किसी भी व्यस्त जंक्शन से कम दूरी का लोकल टिकट खरीद लेता था, फिर उसे लंबी दूरी के टिकट में बदल दिया करता था।
उदाहरण के तौर पर एक ने पटना से हाजीपुर का टिकट खरीद लिया जिसके लिए उसे लगभग 20 देने पड़े, अब उस टिकट के पैसे में हेरा फेरी कर पहले यह देखा की पटना से बेंगलुरु का भाड़ा कितना है। गिरोह के अन्य सदस्य पटना से खुलने वाली गाड़ी के लिए पटना तो वैसे ही रहने देते थे पर हाजीपुर को मिटाकर उसे बेंगलुरु लिख देते थे। जो भी बेंगलुरु का किराया होता था उसे लोकल टिकट पर अंकित कर देते थे और यह सारा काम केवल और केवल मुहर के द्वारा ही किया जाता था।
लगभग 2 महीने पहले किसी यात्री को ट्रेन नही पकड़ पाने की वजह से टिकट वापस करने की स्थिति आ गई और जब वह टिकट वापस करने पहुंचा तब पता चला कि उसका टिकट टेंपरिंग किया हुआ है। उस यात्री ने दो महीने पहले मुजफ्फरपुर में केस दर्ज करवाया और मामले की जांच शुरू हुई।टेक्निकल सरविलान्स, सीसीटीवी फुटेज इत्यादि को देखते हुए आरपीएफ मुजफ्फरपुर में केस का अनुसंधान शुरू हुआ और दो महीने के अथक प्रयास के बाद पटना के गोरिया टोली इलाके के होटल से गिरोह के चार सदस्यों की गिरफ्तारी हुई।