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1st Bihar Published by: Updated Thu, 29 Apr 2021 03:57:45 PM IST
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NALANDA : बिहार में कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. राजधानी पटना समेत कई जिलों में संक्रमण से स्थिति खराब है. नालंदा जिले में भी कंडीशन ख़राब है. पिछले दो सप्ताह में 15 शिक्षकों की मौत हो गई है. नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी की भी मौत हो चुकी है.
नालंदा जिले में कोरोना से कॉलेजिएट हाई स्कूल के इतिहास विषय के शिक्षक और एनसीसी अधिकारी मो. एहतेशाम उद्दीन की मौत हो गई. आपको बता दें कि पिछले दिनों कोरोना से नालंदा जिले के डीईओ मनोज कुमार की भी मौत हो चुकी है. शिक्षकों की मौत से चिंतित शिक्षक संघ के नेताओं ने मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा है.
शिक्षक संघ ने पत्र में कहा है कि विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई बंद रहने के बावजूद कोरोना काल में शिक्षकों को स्कूल में उपस्थित रहने का आदेश क्यों दिया गया है. इसका औचित्य क्या है. परिवर्तनकारी प्रारम्भिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रोशन कुमार ने बताया कि बिहार मानवाधिकार आयोग को लिखा गया है कि वर्तमान समय में पूरा देश वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से ग्रसित है. इसमें अपना बिहार राज्य भी अछूता नहीं है. दिन-प्रति-दिन कोरोना संक्रमण उग्र रूप अख्तियार कर रहा है. ऐसे में राज्य सरकार सभी नागरिकों को घरों में सुरक्षित रहने की अपील कर रही है.
आपको बता दें कि बिहार सरकार ने प्रधानाध्यापक को प्रतिदिन और शिक्षकों को 33 प्रतिशत उपस्थिति के आधार पर विद्यालय जाने की बाध्यता रखी है. जबकि, आपदा विभाग ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राज्य के सभी स्कूलों में 15 मई 2021 तक बच्चों की पढ़ाई बंद कर ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने का आदेश दिया गया है.