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1st Bihar Published by: SANT SAROJ Updated Tue, 20 Sep 2022 07:01:16 PM IST
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SUPAUL: बिहार सरकार बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा कर रही है जबकि इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही दिख रही है। सुपौल के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल की तस्वीर हैरान करने वाली है। यहां सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को इलाज के लिए किसी तरह अस्पताल लाया गया। वार्ड तक लाने के लिए मरीज को स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हुआ। स्ट्रेचर नहीं रहने के कारण लोग मरीज को कंधे पर टांग कर अस्पताल लाते दिखे। अस्पताल की बदहाली को बयां करती यह तस्वीर को देख हर कोई हैरान है। यहां मरीज लेकर आने वाले परिजन अस्पताल की इस व्यवस्था से खासे परेशान है। वे सरकार से हेल्थ सिस्टम को दुरुस्त करने की मांग कर रहे हैं।
सुपौल में बेहतर स्वास्थ्य के दावे ढकोसला साबित हो रहा है। यहां कभी अंधेरे में डॉक्टर ईलाज करते नजर आते हैं तो कभी बिना स्ट्रेचर के पेसेंट को परिजन ले जाते नजर आते हैं। ताजा मामला त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल का है जहां एक्सीडेंट में घायल पेसेंट को स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हुआ तो परिजन गोद में उठाकर अस्पताल के ओटी तक ले गए।
दरअसल जदिया थाना क्षेत्र के बघेली में आज सुबह रानीगंज जदिया सड़क मार्ग पर बाइक और कार की जबरदस्त टक्कर हो गयी जिसमें एक शिक्षक की मौत हो गई जबकि साथ में मौजूद एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतक की पहचान छातापुर के वार्ड नम्बर 12 निवासी 33 वर्षीय शिक्षक भूपेंद्र कुमार मेहता के रुप में हुई है। शव को जदिया पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सुपौल भेजा। वहीं मृतक के साथ मौजूद व्यक्ति की पहचान उसके साढ़ू के रूप में हुई है जो त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के हरिनगर का रहने वाला है।
मृतक भूपेंद्र मेहता के साढू ललन कुमार की हालत गंभीर हो गयी। बेसुध अवस्था में परिजन लेकर त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे जहाँ घायल ललन कुमार को ओटी तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराया गया। परिजन बेसुध मरीज ललन कुमार को गोद में उठाकर किसी तरह ऑपरेशन थियेटर तक ले गए। बीच रास्ते थकने पर परिजन उसे रास्ते में जमीन पर रख दिया फिर कुछ देर बाद उठा कर ओटी तक ले गए। लेकिन कुम्भकर्णी निंद्रा में सो रही त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल की प्रबंधन की नींद नहीं खुली।
मामले पर जब त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल की प्रभारी सुपरिटेंडेंट डॉ.सुमन कुमारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करना चाहिए था, जिसको जहाँ लगाया गया है उसको वहाँ काम करना चाहिए। तो आपने देखा सुपौल के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल की तस्वीर.जहां मरीज को एक स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हुआ।
गौरतलब है कि बिहार के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने बीते दिनों पीएमसीएच सहित तीन अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया था इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की बात कही थी। पीएमसीएच, न्यू गार्डिनर अस्पताल और गर्दनीबाग अस्पताल का रात में निरीक्षण के दौरान उन्हें व्यवस्था में कमी दिखी वहां उन्होंने जमकर फटकार भी लगाई थी और सख्त कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया था। तेजस्वी यादव ने कहा था कि ऐसी व्यवस्था एक दम बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब देखना यह होगा की त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल की इस हालत पर स्वास्थ्य मंत्री क्या कुछ करते हैं कब तक वहां की व्यवस्था चुस्त और दुरुस्त होगी यह देखे वाली बात होगी।