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1st Bihar Published by: Updated Sat, 11 Sep 2021 08:06:08 AM IST
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PATNA : बिहार में वित्तीय गड़बड़ी के बड़े और छोटे मामले लगातार सामने आते रहते हैं। सरकार भले ही सुशासन के लाख दावे कर ले लेकिन घोटालेबाज अपनी हरकतों से बाज नहीं आते। यही वजह है कि नीतीश सरकार ने अब घोटाले बाजों पर नकेल कसने के लिए बड़ा फैसला किया है। आने वाले दिनों में बिहार के अंदर घोटालों को दबाना या घोटाले बाजों को बचाना आसान नहीं होगा। सरकार ने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है। अब ऑडिट के स्वरूप में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। बिहार में अब एक 11 तरह की ऑडिट कराई जाएगी।
आजादी के बाद ऐसा पहली बार होगा है कि बिहार में अंकेक्षण संहिता और यानी ऑडिट के लिए नया मैनुअल लागू किया जाएगा। इसका स्वरूप तैयार कर लिया गया है। राज्य सरकार ने एक 11 तरह के ऑडिट का प्रावधान इस नए ड्राफ्ट में किया है। सरकार के सूत्रों की मानें तो कैबिनेट में जल्द ही इस प्रस्ताव पर मुहर भी लग सकती है। सीएजी की रिपोर्ट में लगातार कई तरह की वित्तीय गड़बड़ी समेत अन्य तरह के मामले सामने आते रहे हैं। इन सभी पर इस नई ऑडिट पॉलिसी से लगाम लग पाएगी।
राज्य सरकार ने एक 11 तरह की ऑडिट के लिए जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है उसमें फॉरेंसिक ऑडिट, ट्रांजैक्शन ऑडिट, सिस्टम ऑडिट, जोखिम आधारित ऑडिट, प्री ऑडिट, कंप्लायंस ऑडिट, परफारमेंस ऑडिट, आईटी ऑडिट, रिसोर्स ऑडिट, आउटकम ऑडिट, और कमर्शियल ऑडिट शामिल है। बिहार सरकार ने वित्तीय प्रक्रिया को ज्यादा पुख्ता बनाने के लिए इस नई तकनीक का सहारा लेने का फैसला किया है ताकि सरकार के खजाने में सेंध लगाने वाले घोटाले बाजों को रास्ता ना मिल पाए। नई ऑडिट पॉलिसी से घोटाला करने वाले आसानी से कानून की जद में आ पाएंगे जिससे उनके अंदर ख़ौफ़ पैदा होगा। राज्य के अंदर आंतरिक अंकेक्षण यानी ऑडिट की प्रक्रिया दुरुस्त होगी और सरकारी खजाने से बर्बाद होने वाली राशि में कमी आएगी। इसके अलावे बेफजूल की खर्च पर भी लगाम लग पाएगी। राज्य में राजस्व संग्रह के कमी वाले सेक्टर की पहचान भी हो पाएगी।