ब्रेकिंग न्यूज़

क्या यही शराबबंदी है? पेट्रोल के टैंकर से 10 लाख की विदेशी शराब बरामद झारखंड में रेल हादसा: दीवार तोड़ खड़ी ट्रेन से टकराई मालगाड़ी, मची अफरा-तफरी Bihar News: बिहार में वोटिंग के बाद पुलिस का फ्लैग मार्च, जिला प्रशासन ने आम लोगों से की यह अपील Bihar News: बिहार में वोटिंग के बाद पुलिस का फ्लैग मार्च, जिला प्रशासन ने आम लोगों से की यह अपील Bihar Election 2025: पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के खिलाफ केस दर्ज, जानिए.. क्या है मामला? Bihar Election 2025: पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के खिलाफ केस दर्ज, जानिए.. क्या है मामला? पटना में गोल इंटरनेशनल स्कूल का भव्य शुभारंभ, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में नए युग की शुरुआत Air India Express bomb threat: एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में बम की धमकी, विमान की कराई गई इमरजेंसी लैंडिग; एयरपोर्ट पर अलर्ट Air India Express bomb threat: एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में बम की धमकी, विमान की कराई गई इमरजेंसी लैंडिग; एयरपोर्ट पर अलर्ट अरवल में DM अभिलाषा शर्मा ने मतगणना केन्द्र का किया निरीक्षण, स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था का भी लिया जायजा

शराबबंदी अभियान को लेकर नीतीश सरकार का भरोसा पुलिस पर से घटा, अब प्राइवेट डिटेक्टिव की मदद ली जाएगी

1st Bihar Published by: Updated Mon, 05 Sep 2022 06:42:28 AM IST

शराबबंदी अभियान को लेकर नीतीश सरकार का भरोसा पुलिस पर से घटा, अब प्राइवेट डिटेक्टिव की मदद ली जाएगी

- फ़ोटो

PATNA : बिहार में अपनी सरकार बचाए रखने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही सहयोगी दल बदलते रहे हो लेकिन ने राज्य के अंदर शराबबंदी कानून को लेकर उन्होंने कोई बदलाव नहीं किया है। शराबबंदी अभियान को लेकर नीतीश अभी भी पहले की तरह कमिटेड दिखते हैं, यही वजह है कि अब शराबबंदी अभियान को ज्यादा सफल बनाने के लिए नीतीश सरकार ने एक ऐसा फैसला किया है जो अब से पहले कभी नहीं दिखा था। शराब के धंधे में शामिल माफियाओं का पता लगाने के लिए नीतीश सरकार अब प्राइवेट डिटेक्टिव यानी निजी जासूसों की सेवा लेगी। राज्य के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने इसकी तैयारी की है। विभाग ने इसके लिए एजेंसियों की तलाश भी शुरू कर दी है। 


राज्य सरकार प्राइवेट डिटेक्टिव की मदद से ना केवल अवैध देशी शराब बनाने वाले लोगों के बारे में पता लगाएगी बल्कि विदेशी शराब का धंधा करने वाले और खास तौर पर दूसरे राज्यों से बिहार में शराब की एंट्री कराने वाले माफिया पर नजर रखने की तैयारी में है। सरकार का मकसद है कि निजी जासूस अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर इसकी सूचना विभाग को दें, बदले में सरकार की तरफ से उन्हें एक तय रकम का भुगतान किया जाएगा। सरकार इस मामले में निजी एजेंसियों को कमीशन भी ऑफर कर सकती है। बिहार में शराब के बड़े माफियाओं के खिलाफ एक्शन देखने को मिलते रहता है बावजूद इसके राज्य के अंदर शराब की बिक्री हो रही है और शराब के काले कारोबार से माफिया फल फूल रहे हैं। इसी को देखते हुए अब सरकार ने प्राइवेट डिटेक्टिव की मदद लेने का फैसला किया है। 


विभागीय अधिकारियों की मानें तो प्राइवेट जासूस ऐसे अभियुक्तों से मिले सुराग पर काम करेंगे जो शराब के मामले में पकड़े गए हैं। प्राइवेट डिटेक्टिव राज्य में शराब की सप्लाई चैन की कड़ी उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। विभाग और पुलिस के सामने कई तरह की मजबूरियां होती हैं और खास तौर पर वह माफिया के सामने अपनी पहचान छुपा कर काम नहीं कर पाते हैं। सरकार को ऐसा लगता है कि प्राइवेट डिटेक्टिव की पहचान उजागर नहीं होने से माफिया के ऊपर नकेल कसी जा सकेगी और शराबबंदी अभियान को धारदार देने में मदद मिलेगी। आपको बता दें कि पिछले दिनों की चाणक्य विधि विश्वविद्यालय की तरफ से जो सर्वे रिपोर्ट सामने आई थी उसमें बताया गया था कि अगर पुलिस की सख्ती बढ़ाई गई तो शराबबंदी को बेहतर तरीके से लागू किया जा सकता है। राज्य सरकार को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर भी आशंका जताई है और यही वजह है कि अब प्राइवेट डिटेक्टिव की मदद लेने की तैयारी है।