Sultanganj Aguwani Bridge: फिर शुरू हुआ सुल्तानगंज-अगुवानी पुल का निर्माण, नए डिजाइन के साथ इतने महीने में होगा तैयार Bihar Crime News: शिवहर में युवक की गोली मारकर हत्या, जांच में जुटी पुलिस Bihar Weather: राज्य में इस दिन से भारी बारिश, IMD ने जारी कर दी चेतावनी सहरसा में बाइक की डिक्की से चोरी हुए 3 लाख रूपये कटिहार से बरामद, आरोपी फरार आर्केस्ट्रा में नाबालिगों के शोषण के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 21 लड़कियों को कराया मुक्त, 3 आरोपी गिरफ्तार बेगूसराय में बाइक सवार युवकों की दबंगई, 10 रूपये की खातिर पेट्रोल पंप पर की मारपीट और फायरिंग SUPAUL: छातापुर में संतमत सत्संग का 15वां महाधिवेशन संपन्न, VIP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने महर्षि मेही परमहंस को दी श्रद्धांजलि Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Bihar News: बिहार महिला आयोग में भी अध्यक्ष-सदस्यों की हुई नियुक्ति, इन नेत्रियों को मिली जगह, जानें...
1st Bihar Published by: Updated Thu, 24 Nov 2022 08:07:25 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार के सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। इसको लेकर अब थोड़ी और सख्ती बढ़ाई जाएगी। सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों का अब हर महीने रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा। इसमें उनके अटेंडेंस, आने-जाने का समय से लेकर कई जरुरी चीजें मेंशन की जाएगी। लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर अब रिपोर्ट कार्ड के आधार पर एक्शन लिया जाएगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लेटर भेजा है।
अपर मुख्य सचिव ने जारी किए गए लेटर में कहा है कि अब शिक्षकों की मनमानी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शिक्षकों को अगर छुट्टी चाहिए तो पहले ही इसकी सूचना देनी होगी। वे पहले ही ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई का निर्देश जारी कर चुके हैं। अब इसे और विस्तार देते हुए शिक्षकों की रिपोर्ट हर महीने तैयार करने को कहा है। विभाग ने शिक्षकों की मॉनिटरिंग दो स्तरों पर तय की है। ऐसे शिक्षक जो स्कूल आने में लापरवाही बरतते हैं या स्कूल में रहकर भी सुस्त रहते हैं, उनका हर महीने मॉनिटरिंग रिपोर्ट तैयार होगी, जो जिला स्तर पर होगा।
प्रारंभिक स्कूलों में एब्सेंट रहने वाले प्रिंसिपल या टीचर की जवाबदेही वे खुद नहीं बल्कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी होंगे। वहीं, माध्यमिक या उच्च माध्यमिक विद्यालयों की बात करें तो यहां अनुपस्थित प्रिंसिपल या टीचर से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) द्वारा स्पष्टीकरण पूछा जाएगा। स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होने पर वे स्थायी रूप से वेतन काटने की अनुशंसा करेंगे। साथ ही, इन दोनों अधिकारियों द्वारा स्पष्टीकरण पृच्छा और कृत कार्रवाईयों से संबंधित प्रतिवेदन प्रत्येक माह जिला शिक्षा पदाधिकारी को समर्पित किया जाएगा।