Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज का चुड़ैल ने किया पीछा, दुल्हन समझने की भूल पड़ी भारी; जानिए... उस रात का डरावना सच! Bihar News: बिहार में यहां GRP को मिले बॉडी वार्न कैमरे, अब हर गतिविधि पर होगी पैनी नजर INDIAN RAILWAY : चुनाव से पहले बिहार पर खूब मेहरबान हो रही मोदी सरकार, अब मिलेगा एक और नया उपहार CJI B.R. Gavai: तीसरे नंबर पर था, फिर भी बना CJI... गवई ने छात्रों को दिया सफलता का मंत्र RAOD ACCIDENT : तेज रफ़्तार का कहर, 20 फीट नीचे पानी भरे गड्ढे में गिरी तेज रफ्तार कार; 3 की मौत Bihar Bhumi: जमीन रजिस्ट्री में 2 करोड़ का घपला, 5 महिलाओं ने मिल कर दिया बड़ा कांड; कोर्ट से जारी हुआ आदेश Transfer Posting : बिहार चुनाव से पहले पुलिस महकमे में बदलाव, कई थानों के SHO हुए इधर-उधर Bihar News: दिल्ली-पटना के बीच दौड़ेगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, जानिए... पूरी डिटेल पाकिस्तान के खिलाफ खूब विकेट चटकाता है यह भारतीय गेंदबाज, Asia Cup 2025 में भी इस चैंपियन पर टिकी रहेंगी फैंस की निगाहें Asia Cup 2025 में बुमराह नहीं खेलेंगे सभी मैच? एबी डिविलियर्स का बड़ा खुलासा.. इस गेंदबाज को बताया सबसे चालाक
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 09 Aug 2023 07:46:24 AM IST
- फ़ोटो
DESK: लंपी वायरस ने बिहार में एक बार फिर दस्तक दी है। बिहार के कई जिलों में मवेशियों के बीमार होने की खबर आ रही है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने इस वायरस से संक्रमित 108 मवेशियों के सैंपल को जांच के लिए कोलकाता और भोपाल भेजा है। भेजे गये सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस बीमारी की पुष्टि की जा सकेगी। कैमूर, सीतामढ़ी, नालंदा, मधुबनी, सहरसा, छपरा, बेगूसराय, सुपौल, सीवान, गया, नवादा और औरंगाबाद सहित कई जिलों में मवेशियों के अचानक बीमार होने की खबर आ रही है।
मॉनसून की बारिश के बाद लंपी वायरस एक बार फिर से बिहार में पैर पसारने लगा है। बता दें कि इस बीमारी से मवेशियों को बचाने के लिए जनवरी से ही टीकाकरण किया जा रहा है। जिन पशुओं को टीका लगाया जा चुका है उन्हें कोई खतरा नहीं है लेकिन जिन पशुओं को यह टीका नहीं लगाया गया है वो इस बीमारी की चपेट में आ रहे है। अभी तक एक करोड़ 36 लाख पशुओं को यह टीका लगाया जा चुका है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने बताया कि टीकाकरण का काम अभी भी जारी है। यदि कोई मवेशी लंपी वायरस से संक्रमित होता है कि उसे ठीक होने में दो से तीन सप्ताह लगते हैं।
लंपी वायरस से ग्रसित मवेशियों को एक सप्ताह तक एंटी बायोटिक की दवा दी जाती है। बता दें कि इस बीमारी से घबराना नहीं चाहिए बल्कि पशु चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि यह बीमारी पिछले साल भी तेजी से फैला था। उस समय भी पशु चिकित्सकों ने एंटी बायोटिक देकर मवेशियों का इलाज किया था। इस संक्रमण के फैलने के बाद पशुओं को हल्का बुखार आता है। उनकी त्वचा पर छोटी-छोटी गाठें बन जाती है। पैरों में सूजन हो जाता है। दूध उत्पादन में कमी आ जाती है। पशुओं के मुंह से लार ज्यादा निकलता है और आंख-नाक से पानी बहता है।
इस वायरस से बचाव के लिए जरूरी है कि जहां मवेशियों को रखा जाता है वहां साफ-सफाई पर ध्यान देना चाहिए। मच्छरों को पनपने से रोके। संक्रमित पशुओं से अपने मवेशी को अलग रखे और टीकाकरण जरूर कराएं और यदि लंपी वायरस का लक्षण दिखे तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें।
बता दें कि 2019 में गया जिले में लंपी वायरस का असर देखा गया था। हालांकि विभाग ने समय रहते इस संक्रमण पर काबू कर लिया था। उस वक्त कैमूर में दो संक्रमित गायों की मौत हो गयी थी। उस वक्त कैमूर सहित दस जिलों को रेड जोन घोषित किया था। इस वायरस से पशुओं को बचाने के लिए तेजी से टीकाकरण उस वक्त किया गया था।
2019 में कैमूर, दरभंगा, पटना, पूर्णिया, नवादा, शेखपुरा, जहानाबाद, नालंदा, गया और बक्सर को रेड जोन घोषित किया गया था। इस दौरान 1272 गायों में लंपी वायरस की पुष्टि हुई थी। इस बार भी लंपी वायरस ने बिहार में पैर पसारना शुरू कर दिया है। हालांकि सैंपल को जांच के लिए भोपाल और कोलकाता भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस वायरस की पुष्टि होगी। फिलहाल सभी तरह के एहतियात बरते जा रहे हैं और इस बीमारी से मवेशियों को बचाने के लिए पशु पालकों को कई दिशा निर्देश भी दिये जा रहे है।