बिहार में आसमान से बरसी मौत, वज्रपात से 23 की गई जान

1st Bihar Published by: Updated Tue, 20 Sep 2022 07:03:03 AM IST

बिहार में आसमान से बरसी मौत, वज्रपात से 23 की गई जान

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PATNA : सोमवार का दिन बिहार के लिए प्राकृतिक आपदा का दिन रहा। प्रदेश में आसमान से मौत बरसी और 23 लोगों की जान वज्रपात की वजह से चली गई। बिहार के अलग-अलग जिलों में इन लोगों की मौत हुई है, साथ ही साथ जिन इलाकों में आंधी पानी और तूफान की स्थिति रही वहां बिजली आपूर्ति भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। एक आंकड़े के मुताबिक बिहार में वज्रपात पहले से ज्यादा हो रहा है और अब तक वज्रपात की वजह से इस साल 340 लोगों की मौत हो चुकी है। बीते 5 सालों की बात करें तो राज्य में 1459 लोगों की मौत वज्रपात की वजह से हुई है। 


वज्रपात से मरने वालों में अररिया और पूर्णिया के चार-चार, सुपौल के तीन, सहरसा, जमुई, बांका और नवादा के दो-दो के अलावा बेगूसराय, खगड़िया, सारण और शेखपुरा के एक-एक लोग शामिल हैं। सहरसा में 18 साल की गुड़िया कुमारी भी वज्रपात की चपेट में आ गयी। अररिया में एक ही पंचायत भरगामा में तीन लोगों की मौत हुई है। मृतकों में गुलसबा (8), तबरेज (60) व मजेबूल (30) शामिल हैं। पूर्णिया में चार मौतें हुई हैं। इनमें बनमनखी के वकील मंडल (28), श्रीनगर के छोटू (19) और सरसी के केवल कुमार (12) शामिल हैं। उधर बांका में बिशनपुर निवासी बुधों पासवान (35) और बेलहर के तिलकपुर निवासी राजू कुमार (42) की जान गई। वहीं जमुई के खेरा में धान खेत में पटवन कर रहे केशो यादव (50), नवादा के काशीचक में एक बच्ची और रजौली में एक किसान, बेगूसराय में बुजुर्ग की मौत हो गई। इधर, शेखपुरा के कोरमा थाना क्षेत्र में एक लड़की और सारण में एक किसान भी ठनका के शिकार हो गए।


आंधी-तूफान की वजह से राज्य में बिजली के दर्जनों ग्रिड को लोडशेडिंग में रखना पड़ा। शहरी इलाकों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति ज्यादा प्रभावित हुई। बिजली कंपनी के मुताबिक रात के वक्त पीक आवर में लगभग 5300 मेगावाट बिजली आपूर्ति हुई, जबकि सामान्य दिनों में 6400 मेगावाट तक आपूर्ति होती है। बारिश के कारण बिजली की मांग घटी क्योंकि कई इलाकों में बिजली के तार-पोल भी गिर गए।