Bihar News: फिसड्डी साबित हो रही बिहार पुलिस? 13 महीनों के बाद भी साहिल का नहीं मिला सुराग, आत्मदाह की चेतावनी दे रहा परिवार; कहा- बोलो तो बिहार छोड़ दें

1st Bihar Published by: HARERAM DAS Updated Fri, 15 Nov 2024 07:42:43 PM IST

Bihar News: फिसड्डी साबित हो रही बिहार पुलिस? 13 महीनों के बाद भी साहिल का नहीं मिला सुराग, आत्मदाह की चेतावनी दे रहा परिवार; कहा- बोलो तो बिहार छोड़ दें

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BEGUSARAI: माफिया और बदमाशों को दौड़ाने वाली बिहार की पुलिस फिसड्डी क्या साबित हो रही है? यह सवाल हमारा नहीं बल्कि बेगूसराय के लोगों का है। एक साल से अधिक समय से लापता 9 वर्षीय साहिल को सुशासन की पुलिस 13 महीने बाद भी तलाश नहीं कर सकी है। अब परिजन आत्मदाह करने की चेतावनी दे रहे हैं और कहते हैं कि पुलिस उनका बेटा ढूंढकर ला दे और कहे तो पूरे परिवार के साथ बिहार छोड़ देंगे।


दरअसल, वीरपुर थाना क्षेत्र के मलह डीह से लापता 9 वर्षीय साहिल की सकुशल बरामदगी की मांग को लेकर पीड़ित परिवार ने समाहरणालय के समक्ष आमरण अनशन शुरू कर दिया है। आमरण अनशन पर बैठे साहिल के पिता संजय सहनी ने बताया कि एक साल से अधिक समय से उनका बेटा साहिल लापता है। बार-बार गुहार लगाने के बावजूद पुलिस उसका कोई सुराग नहीं सगा सकी है। वीरपुर थाना, एसपी और डीआईजी समेत तमाम बड़े पुलिस पदाधिकारियों को आवेदन देकर साहिल की सकुशल बरामदगी की गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।


उन्होंने कहा कि 13 महीना होने चला है लेकिन आज तक उनके बेटे साहिल का कोई अता-पता पुलिस नहीं लगा पायी है। पीड़ित परिवार वालों का आरोप कि साहिल का अपहरण किया गया है लेकिन पुलिस इस मामले में लगातार शिथिलता बरत रही है। जब तक साहिल की सकुशल बरामदगी नहीं होता है, तब तक हम पूरा परिवार आमरण अनशन पर बैठा रहेगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो आत्मदाह करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।


बतातें चलें की 16 अक्टूबर 2023 को साहिल घर से 200 मीटर की दूरी पर एक खेत में अपने साथियों के साथ खेल रहा था। इसी दौरान शाम 5:00 बजे के आसपास वह अचानक लापता हो गया। लापता होने के बाद बहुत खोजबीन की गई लेकिन आज तक साहिल नहीं मिल सका है। पीड़ित परिवार को धमकी भी मिला है। बदमाशों ने कहा है कि केस वापस ले लो, वरना एक बेटा तो गायब हुआ ही है दूसरे बेटे को भी गायब कर देंगे। एफआईआर में जिन लोगों को प्राथमिक अभियुक्त बनाया है उनके ऊपर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है।


वीरपुर थाना के पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि आवदेनकर्ता ने जिन लोगों पर बच्चों को गायब करने में संदेह व्यक्त किया था, उन लोगों को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान एक महिला प्रेमा देवी का नाम सामने आया तो उसे भी गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उसे मुक्त कर दिया था। उसके बाद प्रेमा देवी ने वीरपुर थाने की पुलिस पर न्यायालय में मुकदमा दायर कर दिया। 


लापता बच्चे को ढूंढने के लिए बेगूसराय पुलिस ने 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था और जगह-जगह बच्चे का पोस्टर भी लगाया था लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला हालांकि कुछ दिन बाद किसी अनजान नंबर से एक कॉल आया था। फोन करने वाले ने बच्चे को ढूंढ कर लाने का दावा किया था लेकिन वह ठग निकला और पीड़ित से पैसे की डिमांड करने लगा। पुलिस केस अभी भी अनुसंधान जारी है।