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बर्ड फ्लू से हो जाएं सावधान, जानें लक्षण और बचाव

1st Bihar Published by: Updated Thu, 07 Jan 2021 12:00:36 PM IST

बर्ड फ्लू से हो जाएं सावधान, जानें लक्षण और बचाव

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PATNA : धीरे-धीरे पूरे भारत में अब बर्ड फ्लू का प्रकोप बढ़ने लगा है. इन्फ्लुएंजा वायरस की वजह से ही बर्ड फ्लू होता है. यह एक वायरल इन्फेक्शन है जो संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले अन्य पक्षियों, जानवरों और इंसानों में फैलता है. कई राज्यों बढ़ते हुए मामले को देखते हुए पक्षियों के मरने का अभियान शुरू किया गया है. ऐसे देखा जाये तो बर्ड फ्लू कई तरह के होते हैं, लेकिन H5N1 पहला ऐसा एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस है जो इंसानों को भी संक्रमित करता है. 


बर्ड फ्लू खासतौर से जंगली बत्तख से प्रकिर्तिक रूप से फैलता है. बर्ड फ्लू असानी से पालतू मुर्गियों में फैल जाता है. फ्लू संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, मुंह के लार या आंखों से निकलने वाली पानी के संपर्क में आने से होती है.संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले जानवर और इंसान इस वायरस से आसानी से संक्रमित हो जाते हैं. ये वायरस इतना खतरनाक होता है कि इससे मौत भी हो सकती है. इसके फैलने का सबसे ज्यादा खतरा मुर्गीपालन से जुड़े लोगों को होता है. इसके अलावा संक्रमित जगहों पर जाने वाले, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले, कच्चा या अधपका मुर्गा-अंडा खाने वाले या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले लोगों को भी बर्ड फ्लू हो सकता है.


बर्ड फ्लू होने पर कफ, डायरिया, बुखार, सांस से जुड़ी दिक्कत, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पेट दर्द, उल्टी, निमोनिया गले में खराश, नाक बहना, बेचैनी, आंखों में इंफेक्शन जैसी समस्या हो सकती है. अगर आपको ऐसा लगता है कि आपको बर्ड फ्लू हो सकता है तो किसी और के संपर्क में आने से पहले डॉक्टर को दिखाएं. बर्ड फ्लू से बचने के लिए कुछ सावधानियां रखनी जरूरी है. अपने हाथों को 15 सेकेंड तक धोएं. हाथों को बार-बार साबुन से धोएं. सैनिटाइजर हमेशा साथ में रखें. हाथ ना धो पाने की स्थिति में सैनिटाइज करें.संक्रमित पोल्ट्री फार्म में जाने और वहां काम कर रहे लोगों के संपर्क में आने से बचें. 


पोल्ट्री फार्म में काम करने या जाने वाले लोगों को पीपीई किट पहन कर जाना चाहिए. डिस्पोजेबल ग्लव्स पहनें और इस्तेमाल के बाद इन्हें नष्ट कर दें.पूरे बाजू के कपड़े पहनें और अपने जूतों को डिसइनफेक्ट करते रहें. छींकने या खांसने से पहले मुंह को अच्छे से कवर करें. सांस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनें. इस्तेमाल के बाद टिश्यू पेपर को डस्टबिन में डालें. अगर आप बीमार हैं तो भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. बर्ड फ्लू की कोई वैक्सीन नहीं है इसलिए बचाव के लिए फ्लू की वैक्सीन भी लगवा सकते हैं.