PATNA : दिल्ली के बंगले से बेआबरू होकर निकाले गए चिराग पासवान का मोदी मोह खत्म नहीं हो रहा है. चिराग पासवान बंगला खाली कराए जाने के तरीके पर भले ही ऐतराज जता रहे हो, उनकी पार्टी के प्रवक्ता मोदी सरकार की कार्यशैली और बीजेपी पर सवाल खड़े कर रहे हो लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर चिराग की जुबान अभी भी नहीं खुल रही है. चिराग पासवान का बीजेपी से अब तक मोहभंग नहीं हुआ है. शायद यही वजह है कि अभी भी चिराग नए गठबंधन की संभावनाओं को लेकर पुराने स्टैंड पर कायम नजर आते हैं.
बीजेपी से धोखा खाने और फिर नए गठबंधन की संभावनाओं को लेकर चिराग से जब सवाल किया गया तो उन्होंने एक बार फिर पुरानी बात दोहरा दी है. चिराग पासवान ने कहा है कि गठबंधन को लेकर वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करेंगे और चुनाव के पहले ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा. हालांकि चिराग अपने चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को लेकर खासे नाराज दिखे हैं. चिराग पासवान ने कहा है कि जिस तरह बंगला खाली कराया गया और उनके पिता के साथ-साथ संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा के साथ सलूक किया गया. उसके बावजूद अगर चाचा पारस चुप हैं तो केवल इसलिए कि वह अपनी कुर्सी बचाए रखना चाहते हैं.
बता दें कि लोजपा (रामविलास) सांसद चिराग पासवान से दिल्ली स्थित 12 जनपथ वाले घर को खाली कराया जा चुका है. इसको लेकर सियासत भी खूब हो रही है. राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक आज चिराग पासवान से मिलने पहुंचे. इस मुलाकात के बाद चिराग पासवान भी मीडिया के सामने आये. चिराग ने कहा कि हर मुलाकात के राजनीतिक मायने नहीं निकालना चाहिए.चिराग पासवान ने कहा कि श्याम रजक से साथ हमारे पुराने संबंध रहे हैं.
बता दें कि सरकार ने जिस तरीके से इस बंगले को 2 दिन पहले खाली करवाया उसको लेकर न केवल चिराग पासवान नाराज हैं बल्कि बिहार के कई सियासी दल भी उनके समर्थन में खड़े हो गए हैं. राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक आज चिराग पासवान से मिलने पहुंचे. उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान हमारे बड़े भाई की तरह रहे हैं. जिस तरह से उन्हें बेघर किया गया, उनकी तस्वीर और बाबा साहब की मूर्ति को सड़क पर फेंका गया उससे हम सभी दुखी हैं. श्याम रजक ने कहा कि हम आज चिराग पासवान से मिलकर उनका दुख बांटने आये हैं.