West Bengal: शौचालय की दीवार पर चिपका दिया पाकिस्तानी झंडा, गिरफ्तार कर ले गई पुलिस Life Style: गर्मी में स्मार्टफोन को चार्ज करते वक्त न करें ये गलतियां, ओवरहीट से बचाने के लिए अपनाएं ये टिप्स Twins Meet in Bihar: बिहार में होने जा रहा जुड़वों का सबसे बड़ा समागम, देशभर से यहां जुटेंगे Twins भाई-बहन Twins Meet in Bihar: बिहार में होने जा रहा जुड़वों का सबसे बड़ा समागम, देशभर से यहां जुटेंगे Twins भाई-बहन Iodine deficiency : आयोडीन की कमी से शरीर पर पड़ सकता है गहरा असर, जानिए इससे जुड़ी अहम बातें और बचाव का आसान तरीका BIHAR CRIME: जमुई पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी: कुख्यात नक्सली हरि यादव और नरेश यादव गिरफ्तार Litchi Farming: रेलवे का एक फैसला और उत्तर बिहार के लीची उत्पादकों का मुनाफा ही मुनाफा, जानिए कैसे... Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तान के खिलाफ भारत की एक और स्ट्राइक, किसी भी तरह का कारोबार पूरी तरह से बैन Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तान के खिलाफ भारत की एक और स्ट्राइक, किसी भी तरह का कारोबार पूरी तरह से बैन Hot Bedding: आधा बिस्तर किराए पर देती है यह महिला, इन शर्तों को मान कर बगल में सो सकता है कोई भी अजनबी
1st Bihar Published by: Ramesh Rai Updated Thu, 15 Oct 2020 05:48:38 PM IST
- फ़ोटो
SAMASTIPUR : एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने पहले कहा था कि वह सिर्फ जेडीयू के खिलाफ ही अपने उम्मीदवार उतारेंगे जबकि वे 143 सीट पर लड़ने की बात भी कर रहे थे. एनडीए में बीजेपी को 121 सीटें ही मिली उसमें भी 11 सीट मुकेश सहनी को देनी पड़ी. उस समय भी यह गणित लोगों के समझ नहीं आ रही थी. लेकिन जैसे ही समस्तीपुर के रोसड़ा सुरक्षित विधानसभा सीट पर बीजेपी द्वारा बीरेंद्र पासवान को टिकट देने की घोषणा की गई इधर एलजेपी ने भी पूर्व सांसद रामचन्द्र पासवान के बड़े बेटे कृष्ण राज को एलजेपी से मैदान में उतारने की घोषणा कर दी.
गुरुवार को कृष्णराज ने रोसड़ा सीट के लिए नामांकन किया. इस मौके पर उनके साथ पहुंचे एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और समस्तीपुर के सांसद प्रिंसराज ने कहा कि हमने पहले ही 143 सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया था. हमलोग आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मॉडल और बिहार की बेहतरी को लेकर ही चुनाव लड़ रहे है.लेकिन कुछ जगहों पर हमें बीजेपी से भी फ्रेंडली फाइट करनी पड़ रही है.
हालाकिं उन्होंने माना कि हमारे प्रत्याशी भी जीत के बाद प्रधानमंत्री के हाथ को ही मजबूत करने का काम करेंगे.अब सवाल यह खड़ा होने लगा है कि यह किस तरह से बीजेपी के हाथ को मजबूत करने की बात हो रही है जब बीजेपी के ही घोषित प्रत्याशी को हराने के लिए एलजेपी वहीं से अपना उम्मीदवार भी दे रही है.