Success Story: इंजीनियर का बेटा बना IAS अधिकारी, दो बार असफलता के बाद भी नहीं टूटे हौसले, तीसरी बार UPSC में मिली सफलता Bihar News: निगरानी के हत्थे चढ़ा घूसखोर राजस्व कर्मचारी, 7 हजार रिश्वत लेते रंगेहाथ धराया Bihar Crime News: ई-रिक्शा चालक की हत्या से हड़कंप, जांच के बाद हैरान रह गई पुलिस Bihar Education News: शिक्षकों के वेतन को लेकर शिक्षा विभाग के ACS एस.सिद्धार्थ ने क्या कहा ? चिट्ठी पढ़वाने लगे..... Caste census: जिस जातिगत जनगणना का पंडित नेहरू और राजीव गाँधी ने किया था विरोध, अब राहुल क्यों दे रहे हैं जाति पर ज़ोर? Bihar Mausam Update: अभी-अभी बिहार के इन चार जिलों के लिए जारी हुआ अलर्ट, वज्रपात, हवा के साथ मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना, कौन-कौन जिले हैं शामिल... West Bengal: शौचालय की दीवार पर चिपका दिया पाकिस्तानी झंडा, गिरफ्तार कर ले गई पुलिस Life Style: गर्मी में स्मार्टफोन को चार्ज करते वक्त न करें ये गलतियां, ओवरहीट से बचाने के लिए अपनाएं ये टिप्स Twins Meet in Bihar: बिहार में होने जा रहा जुड़वों का सबसे बड़ा समागम, देशभर से यहां जुटेंगे Twins भाई-बहन Twins Meet in Bihar: बिहार में होने जा रहा जुड़वों का सबसे बड़ा समागम, देशभर से यहां जुटेंगे Twins भाई-बहन
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 23 Nov 2023 05:24:32 PM IST
- फ़ोटो
MUZAFFARPUR : बिहार में शिक्षा व्यवस्था में काफी बदलाव की जरूरत है। यहां विश्व स्तर के दो विश्वविद्यालय थे लेकिन अब के विश्वविद्यालय में वैसी स्थिति नहीं है। आज सिर्फ यहां के लोग नौकरी करने के लिए पढ़ाई कर रहे हैं। यह बातें बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने एक कॉलेज के स्थापना दिवस के अवसर पर कही है।
दरअसल, बिहार के महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर मुजफ्फरपुर के डॉ जगन्नाथ मिश्र कॉलेज के स्थापना दिवस के अवसर पर पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने कॉलेज में बने इंडोर स्टेडियम का उद्घाटन किया और कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने कॉलेज के छात्र-छात्राओं को सम्बोधित किया। इस दौरान उन्होंने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर कहा कि आज यहां के लोग सिर्फ नौकरी के लिए पढ़ाई कर रहे हैं।
वहीं,राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मंच से सम्बोधित करते हुए कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था में काफी बदलाव की जरूरत है। यहां विश्व स्तर के दो विश्वविद्यालय थे। लेकिन अब के विश्वविद्यालय में वैसी स्थिति नहीं है। यहाँ लोग सिर्फ नौकरी के लिए पढ़ाई करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यहाँ के बच्चे को 12 वीं के बाद पढ़ने के लिए बाहर जाना पड़ता हैं। मुझे उस दिन का इंतजार हैं कि जब पहले ही तरह बहार के बच्चे वापस से बिहार पढ़ने आए।
उन्होंने कहा कि मैंने कई बार सरकार को कहा हैं कि विश्वविद्यालय अतिथि शिक्षकों के भरोसे नहीं चल सकती, यहाँ पर अब परमानेंट शिक्षकों की आवश्यकता हैं। राज्य की सरकार की कुछ मज़बूरी हो सकती हैं। लेकिन इसपर भी ध्यान देने की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि हमें ऐसी शिक्षा पर जोर देने की जरूरत हैं। जिससे हमारे बच्चे जॉब लेने वाले नहीं जॉब देने वाले बने।