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कांग्रेस का जीतनराम मांझी से तीखा सवाल, पूछा- क्या वे रोज एक पव्वा दारू पीते हैं

1st Bihar Published by: Updated Fri, 11 Nov 2022 05:39:40 PM IST

कांग्रेस का जीतनराम मांझी से तीखा सवाल, पूछा- क्या वे रोज एक पव्वा दारू पीते हैं

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PATNA: बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर एक बार फिर से सियासत तेज हो गई है। विपक्षी दल बीजेपी के साथ साथ सरकार में शामिल दल के नेता भी कह रहे हैं कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फेल हो चुकी है। पिछले दिनों हम के संरक्षक जीतन राम मांझी ने सरकार से यह मांग कर दी थी कि क्वार्टर पीने वालों को छूट मिले और पुलिस उन्हें न पकड़े। इसके बाद नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी कह दिया था कि शराबबंदी सफल नहीं है। अब सरकार की सहयोगी कांग्रेस ने जीतन राम मांझी से तीखा सवाल पूछ दिया है। कांग्रेस ने पूछा है कि क्या मांझी हर दिन क्वार्टर पीते हैं, ढाई सौ ग्राम शराब पीने वालों के लिए छूट क्यों मांग रहे हैं।


दरअसल, बिहार में शराबबंदी को लेकर एक तरफ जहां बीजेपी हमलावर बनी हुई है तो वहीं दूसरी तरह सरकार में सहयोगी दल भी इसे फेल बता रहे हैं और सरकार से शराबबंदी कानून की समीक्षा करने की मांग कर रहे हैं। चार विधायकों के बल पर बिहार की सत्ता में भागीदार बने जीतनराम मांझी शराबबंदी कानून को लेकर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करते रहे हैं। आए दिन मांझी इस बात को कहते रहे हैं कि शराबबंदी के नाम पर सरकार गरीबों पर अत्याचार कर रही है। इसी बीच कांग्रेस ने शराबबंदी पर सवाल उठाने वाले जीतन राम मांझी से तीखा सवाल पूछ दिया है।


वैशाली के राजापाकड़ से कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास ने हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी से पूछा है कि मांझी रोज एक पौवा दारू पीते हैं। उन्होंने कहा है कि जीतन राम मांझी कब क्या बोल दें इसका कोई ठीक नहीं रहता है। अब मांझी सरकार से एक पौवा शराब पीने की छूट मांग रहे हैं। जीतन राम मांझी दलित समाज से आते हैं और उनकी बात का असर दलित समाज और गरीबों पर पड़ता है, उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। उन्होंने जीतन राम मांझी से पूछा है कि क्या वे रोज एक पव्वा दारू पीते हैं, इसीलिए सरकार से छूट मांग रहे हैं।


बता दें कि दिल्ली में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद जीतनराम मांझी ने शराबबंदी पर सवाल उठाया था। मांझी ने कहा था कि शराबबंदी खराब नहीं है लेकिन उसे जिस तरह से लागू किया गया उसकी प्रक्रिया में काफी गड़बड़ियां हैं। उन्होंने कहा था कि चाहे बिहार हो या गुजरात शराब पीने के आरोप में गरीब लोग पकड़े जा रहे हैं और शराब के बड़े तस्कर आराम से बच जा रहे हैं। जेलों में ऐसे 70 फीसदी लोग बंद हैं जो महज आधा लीटर या ढाई सौ ग्राम शराब पीते पकड़े गए हैं। यह गरीबों के साथ अत्याचार के समान है, ऐसा नहीं होना चाहिए। मांझी ने यहां तक कह दिया था कि जो लोग सवा सौ ग्राम या ढाई सौ ग्राम शराब पीते हैं उनको नहीं पकड़ना चाहिए।


इधर, कांग्रेस विधायक के सवाल पर हम ने भी जोरदार पलटवार किया है। हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि कांग्रेस विधायक को इस तरह का बयान देने से पहले बीस बार सोंचना चाहिए था कि वे क्या बोल रही हैं। अगर अपने समाज को समझाने के लिए जीतन राम मांझी ने शराब को लेकर कुछ कहा है तो कांग्रेस विधायक को इस तरह की टिप्पणी करने की जरूरत नहीं थी। अगर हम कहे कि कांग्रेस पार्टी के लोग शराब पीते हैं तो क्या उन्हें अच्छा लगेगा। इसलिए कुछ बी बोलने से पहले कांग्रेस के विधायक सौ बार सोंचे।