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1st Bihar Published by: Updated Tue, 21 Jul 2020 06:38:12 PM IST
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PATNA : कोरोना संक्रमण के इस दौर में भले ही सरकारी कामकाज प्रभावित हुआ हो लेकिन नीतीश सरकार ने टैक्स विवाद से जुड़े मामलों में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. कोरोना वायरस संकट के दौरान टैक्स विवाद के पुराने मामलों का रिकॉर्ड निपटारा किया गया है.
बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने जानकारी देते हुए बताया है कि कर समाधान योजना के तहत बिहार में 1122.33 करोड़ के विवादित बकाए का समाधान कर अंतिम रूप से 26,940 मामलों को समाप्त कर दिया गया है. इस योजना के तहत कुल देय बकाए 323 करोड़ रुपये के विरूद्ध व्यावसायियों द्वारा योजना के पूर्व 166.87 करोड़ रुपये और बाद में 160.03 करोड रुपये जमा कराए गए, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
1 जुलाई 2017 से पूरे देश में लागू जीएसटी पर कर पदाधिकारियों का घ्यान केन्द्रित करने के उद्देश्य से पुराने कर विवादों के निपटारे के लिए यह समाधान योजना लाई गई थी. मोदी ने बताया कि जीएसटी लागू होने के पूर्व से वैट और अन्य अधिनियमों के तहत चले आ रहे बकाए कर के विवादों के समाधान के लिए इस साल 15 जनवरी से तीन महीने के लिए कर समाधान योजना लागू की गई थी. इसके अन्तर्गत व्यावसायियों को जुर्माने, शास्ति या ब्याज पर जहां 90 प्रतिशत की तो निर्धारित कर के मामले में 65 प्रतिशत तक की छूट दी गई थी.
योजना में यह प्रावधान किया गया था कि अगर किसी न्यायालय में विवाद लम्बित है तो भी व्यावसायी इसका लाभ ले सकते हैं. साथ ही यह भी कहा गया गया था कि समाधान किए जाने वाले बकाये के विरूद्ध व्यावसायी द्वारा पूर्व में कोई राशि जमा की गयी है तो उसे भी इस योजना के अधीन जमा की गयी राशि मान ली जाएगी. कोरोना और लाॅकडाउन की चुनौतियों के बावजूद व्यावसायियों के सहयोग से वर्षों से चले आ रहे कर बकाए के हजारों विवादों को समाप्त करने में सरकार को बड़ी सफलता मिली है.