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1st Bihar Published by: Updated Fri, 28 May 2021 08:21:18 PM IST
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DESK : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे शासनकाल के 2 साल पूरे कर लिए हैं. लेकिन इन 2 सालों में देश ने जिस तरह कोरोना महामारी को झेला है. उसके कारण मोदी सरकार की लोकप्रियता अब कम होने लगी है. देश की जानी-मानी सर्वे एजेंसी c-voter ने कोरोना काल में सरकार की कार्यशैली और लोगों की समस्याओं के बीच एक सर्वे कराया है. इस सर्वे में मोदी सरकार के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी नाराजगी सामने आई है.
नेशनल न्यूज़ चैनल के साथ मिलकर किए गए इस सर्वे में देश की जनता का मूड जाना गया है. लोगों से इस सर्वे के दौरान सवाल पूछा गया कि दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार से लोगों की सबसे बड़ी नाराजगी का कारण क्या है. जवाब में 44 फीसद शहरी और 40 फीसदी ग्रामीण लोगों ने कहा कि कोरोना से निपटने में मोदी सरकार फेल रही है. हालांकि अभी भी 20 फ़ीसदी ऐसे शहरी लोग हैं, जो कृषि कानून से नहीं निपटने को लेकर सरकार से नाराज हैं.
9 प्रतिशत शहरी और 9 प्रतिशत ग्रामीण लोगों ने सीएए पर दिल्ली में हुए दंगे लेकर अपनी नाराजगी जताई है. जबकि 10 फ़ीसदी ग्रामीण और सात फीसद शहरी लोगों ने भारत-चीन के बीच विवाद पर सरकार से नाराजगी जाहिर की.
देश के 36 फ़ीसदी लोग आज कोरोना वायरस की सबसे बड़ी समस्या मानते हैं. 18 फ़ीसदी लोगों की नजर में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है. 10 फ़ीसदी लोगों ने महंगाई और सात फीसदी लोगों ने भ्रष्टाचार को समस्या बताया है. 5 फ़ीसदी ऐसे लोग हैं, जो गरीबी और चार फिसदी लोगों ने कृषि को बड़ी परेशानी बताया है.
कोरोना की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचार को देश के 58 फीसद शहरी लोगों ने सही नहीं बताया है. जबकि 61 फ़ीसदी ग्रामीण भी इसे सही नहीं मान रहे. 34 प्रतिशत शहरी लोगों की नजर में पीएम मोदी का प्रचार गलत नहीं है. जबकि 29 फ़ीसदी ऐसे ग्रामीण लोग हैं, जो प्रचार को सही मानते हैं.
आपदा के इस दौर में सरकार के खिलाफ नाराजगी और कोरोना काल में सिस्टम से हुई नाउम्मीदी के बावजूद पीएम मोदी राहुल गांधी की तुलना में अभी भी ज्यादा लोकप्रिय हैं. कोरोना वायरस के बीच देश संभालने के सवाल पर 66 फीसदी शहरी जनता और 62 फ़ीसदी ग्रामीण आबादी में पीएम मोदी का नाम लिया. जबकि राहुल गांधी के नाम पर केवल 20 प्रतिशत शहरी और 23 फीसदी ग्रामीण ही सहमत दिखे.