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दशरथ मांझी को मिले भारत रत्न, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर जीतनराम मांझी ने रखी मांग

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 13 Apr 2023 01:43:23 PM IST

दशरथ मांझी को मिले भारत रत्न, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर जीतनराम मांझी ने रखी मांग

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PATNA: बिहार के महागठबंधन में शामिल दल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक व बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी गुरूवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले। इस दौरान जीतनराम मांझी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से माउंटेन मैन के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी को भारत रत्न दिये जाने की मांग की। वही बाबा दशरथ मांझी उद्यान एवं सेवा संस्थान गया के अध्यक्ष सत्येंद्र गौतम मांझी जो ट्री मैन के नाम से जाने जाते हैं। इन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक ज्ञापन भी सौंपा। 


बता दें कि दशरथ मांझी को भारत रत्न दिये जाने की मांग को लेकर दशरथ मांझी के समाधि स्थल गया स्थित मेहलौर से दिल्ली तक पदयात्रा निकाली गयी थी। ट्री मैन सत्येंद्र गौतम के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल 5 मार्च 2023 को बिहार के गया जिले से दिल्ली के लिए निकली थी। पैदल यात्रा कर प्रतिनिधिमंडल 01 अप्रैल को दिल्ली पहुंचा। 1200 किलोमीटर की यात्रा तय करने में प्रतिनिधिमंडल को 50 दिन लग गये। पद यात्रा उत्तर प्रदेश में सड़क मार्ग से होते हुए दिल्ली जंतर-मंतर तक पहुंची। जहां बिहार, झारखण्ड, पश्चिम एवं उत्तर प्रदेश एवं अन्य प्रदेश के लोग उपस्थित थे। प्रतिनिधिमंडल की भी यही मांग है कि दशरथ मांझी को भारत रत्न मिले।


बता दें कि 1960 से 1982 तक मात्र एक हथौड़ी की मदद से कई दिनों तक कड़ी मेहनत के बाद दशरथ मांझी ने 360 फीट लंबा 30 फीट चौड़ा 25 फीट ऊँचे पर्वत को काट दिया। बाबा निःस्वार्थ जनहित एवं देशहित के लिए ऐसा किया। जो आज भी विशाल पहाड़ मेहलौर पर्वत उनकी निशानी है। यह पहाड़ मेहलौर के विकास में सबसे बड़ा बाधक था। दशरथ मांझी जी ने पहाड़ को काटकर रास्ता बनाया जहां आज सड़क बन जाने के कारण चौतरफा विकास हो रहा है। यह काम बाबा दशरथ मांझी ने जिस परिस्थिति में किया है। आज पूरे देश-विदेश में हर व्यक्ति के लिए यह प्रेरणा स्त्रोत है। 


बाबा दशरथ मांझी के विचार को बताते हुए एक दल गया से दिल्ली तक पहुंचा। बाबा का मूल विचार (1) बच्चे को पढाना लिखाना (2) जीवन में शराब कभी नहीं पीना (3) पर्यावरण सुरक्षा हेतु पेड़-पौधा लगाना और रास्ते में पौधारोपण कार्य करना था। पर्वत पुरुष दशरथ बाबा के कार्यों पर आधारित देश-विदेश में अनेक फिल्मांकन किया गया है (क) THE MAN WHO MOVE THE MOUNTAIN (ख) MANJHI THE MOUNTAIN बिहार के कर्मयोगी (दलित) ही नहीं बल्कि भारत के सत्यमेव जयते में विश्वास करने वाले लोग समझते हैं कि इतना बड़ा काम करने वाले बाबा यदि दलित जाति के नहीं होते तो आज निश्चित रुप में देश और विदेश में सम्मानित किये जाते। गया से दिल्ली पदयात्रा करते आए प्रतिनिधिमंडल ने देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बाबा के कर्म, त्याग, वीरता और धैर्य को देखते हुए दशरथ मांझी जी को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित करने की मांग की है।


वही एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता को मजबूत करने में लगे हैं। दिल्ली में नीतीश कुमार बुधवार को लालू, राहुल गांधी, खरगे और अरविंद केजरीवाल से मिले। इन नेताओं से मिलने के बाद विपक्ष को एकजुट होने की बात कही। वही दूसरी ओर  उनके महागठबंधन में सेंध लगती नजर आ रही है। बिहार के महागठबंधन में शामिल जीतनराम मांझी भी दिल्ली पहुंच गये और गुरूवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले। जीतनराम मांझी की अमित शाह से मुलाकात के बाद सियासी गलियारे में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है।


जिसमें एक सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि अचानक से अमित शाह से मिलकर ज्ञापन सौंपने की बात जीतनराम मांझी को कैसे सूझी। क्योंकि पहले से ही इस बात की चर्चा हो रही थी कि जीतनराम मांझी बीजेपी के संपर्क में हैं। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर यह कहा था कि भाजपा जीतनराम मांझी पर डोरे डाल रही है। अमित शाह से मुलाकात के बाद इन चर्चाओं को बल मिलता दिख रहा है। 


सवाल ये उठ रहा है कि जीतनराम मांझी की अमित शाह से मुलाकात में सिर्फ दशरथ मांझी को भारत रत्न देने की मांग की गयी या फिर नया सियासी समीकरण बनाने की राह खोली गयी। यह तो समय ही बताएगा। वैसे भी राहुल गांधी से मुलाकात के बाद नीतीश और तेजस्वी भले ही देश भर में विपक्षी एकता की बात कर लें, बिहार में अपने ही गठबंधन की गुत्थी सुलझाना मुश्किल होगा। बिहार में सात पार्टियों का गठबंधन है। 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन के हर पार्टी की अपनी अलग डिमांड है। नीतीश-तेजस्वी के लिए गठबंधन की हर पार्टी को मैनेज कर पाना बेहद मुश्किल होगा। हालांकि मांझी और शाह की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।


वही मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि एनडीए में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है। मैंने प्रण लिया है कि मैं नीतीश कुमार के साथ रहूंगा। नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण हैं। वह विपक्षी दलों को एकजुट करने का ईमानदार प्रयास कर रहे हैं।