ब्रेकिंग न्यूज़

शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा

Dhanu Sankranti 2024: धनु संक्रांति 2024, सूर्य पूजा और पुण्य कृत्य का विशेष दिन

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 15 Dec 2024 04:24:37 PM IST

Dhanu Sankranti 2024: धनु संक्रांति 2024, सूर्य पूजा और पुण्य कृत्य का विशेष दिन

- फ़ोटो

धनु संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो तब मनाया जाता है जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं। यह दिन विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा करने के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सूर्य की पूजा करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। इस वर्ष धनु संक्रांति 15 दिसंबर, 2024 को मनाई जा रही है। आइए जानते हैं धनु संक्रांति से जुड़ी प्रमुख बातें और इसके विशेष मुहूर्त के बारे में।


धनु संक्रांति का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, धनु संक्रांति पर पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इस दौरान विशेष पूजा, दान और स्नान करने से पुण्य मिलता है। इसके अलावा, महा पुण्य काल 03 बजकर 43 मिनट से लेकर 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा, जो कि एक घंटे 43 मिनट का है। यह समय और भी विशेष माना जाता है, जिसमें भगवान सूर्य की पूजा करने से अधिक फल की प्राप्ति होती है।


धनु संक्रांति से जुड़े महत्वपूर्ण नियम

स्नान और वस्त्र: इस दिन गंगास्नान का महत्व है। साथ ही, स्नान करने के बाद लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए, क्योंकि लाल रंग सूर्य देव से जुड़ा हुआ होता है और इसे शुभ माना जाता है।


सूर्य और विष्णु पूजा: भगवान सूर्य के साथ-साथ भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा भी करनी चाहिए। सूर्य देव के मंत्रों का जाप विशेष रूप से लाभकारी होता है। गायत्री मंत्र का जाप भी किया जा सकता है।


दान और पुण्य कर्म: इस दिन विशेष रूप से दान-पुण्य करने का महत्व है। गरीबों को खाद्य सामग्री, गर्म कपड़े, और अन्य जरूरतमंद चीजें दान करनी चाहिए। साथ ही, इस दिन तामसिक भोजन से परहेज कर सात्विक आहार लेना चाहिए।


पितरों की पूजा: इस दिन पितरों की पूजा और उनका ध्यान करने से जीवन में सकारात्मकता आती है। पितरों के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

व्रत और संयम: धनु संक्रांति के दिन व्रत रखने का भी विधान है। व्रत के दौरान संयम रखना, सात्विक आचरण अपनाना और तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए।


धनु संक्रांति पूजा के समय उपयोगी मंत्र

ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:।।

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।

ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।।


धनु संक्रांति का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समय-समय पर जीवन में सुख, समृद्धि और संतुलन लाने का भी अवसर है। इस दिन को सही तरीके से मनाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और कष्ट दूर होते हैं।