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1st Bihar Published by: Updated Sun, 06 Mar 2022 06:30:14 PM IST
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PATNA: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आज धोबी समाज के लोगों से मिलने और उनकी समस्याएं जानने बेली रोड स्थित हड़ताली मोड़ पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने लोगों को लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में फर्क बताया। उन्होंने कहा कि लालू जी ने सबको बसाने का काम किया तो वही नीतीश कुमार सबकों भगा रहे हैं। लालू गरीबों के नेता हैं तो नीतीश कुमार अमीरों के नेता हैं। इसीलिए वे धोबी समाज के लोगों को धोबी घाट से भगा रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने धोबी समाज के लोगों की परेशानियों को सुना और आश्वासन दिया कि उनकी बातों को वे सरकार तक पहुंचाएंगे। अगर सरकार बात नहीं मानती है तो अपने सारे विधायकों को लेकर वहीं धरने पर बैठ जाएंगे।
गौरतलब है कि धोबी घाट बचाव संघर्ष समिति के तत्वावधान में धोबी समाज के लोगों ने अपनी मांगों को लेकर बीते 1 मार्च को धरना प्रदर्शन किया था। वे धोबी घाट को तोड़े जाने का विरोध कर रहे थे और आज भी इसका विरोध कर रहे हैं। बीते दिनों धोबी समाज के लोगों ने माननीयों का कपड़ा धोने तक से इनकार कर दिया था। पटना के 10 हजार धोबी हड़ताल पर चले गये थे। धोबी समाज के लोगों ने सरकार पर यह आरोप लगाए कि सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है। उनके साथ किए गये वादे को पूरा नहीं कर रही है। एक साल पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने धोबी घाट के सौन्दर्यीकरण का वादा किया था लेकिन आज धोबी समाज से किए गये वादे को सरकार भूल गयी है।
धोबी घाट को तोड़ने की जानकारी जैसे ही राजद नेता तेजस्वी यादव को हुई वे खुद लोगों की समस्या जानने पटना के हड़ताली मोड़ स्थित धोबी घाट पहुंच गये। तेजस्वी यादव को देखते ही लोग उनके समर्थन में नारेबाजी करने लगे। धोबी समाज के लोगों ने माला पहनाकर तेजस्वी यादव का स्वागत किया। इस दौरान तेजस्वी भईया जिंदाबाद और लालू यादव जिंदाबाद के नारे भी लगाए गये। तेजस्वी यादव ने धोबी समाज के लोगों और महिलाओं से मिले और उनकी समस्याओं को सुना। जिसके बाद तेजस्वी यादव ने धोबी समाज की इस समस्या को लेकर डीएम से बातचीत की और एक प्रतिनिधिमंडल को उनसे मिलने के लिए भेजा।
लोगों ने बताया कि उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। लोगों की बातें सुनकर तेजस्वी हैरान रह गये हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। जब सरकारी जमीन पर डिप्टी सीएम कब्जा करेंगी तो कार्रवाई क्यों नहीं होगी। भाजपा का असली चेहरा उजागर हो रहा है। जब मीडिया ने पूछा की धोबी समाज के लोगों की इस समस्या को वे विधानसभा में उठाएंगे तब तेजस्वी ने कहा कि माले के साथियों ने इस मुद्दे को सदन में रखा है आगे कल देखते है क्या बात होती है।
धोबी घाट बचाव संघर्ष समिति की यह मांग है कि ब्रिटिश शाम काल 1914 में निर्मित न्यू कैपिटल धोबी घाट बेली रोड पटना को पुल निगम द्वारा अधिग्रहण से मुक्त कराया जाए। 2018 में स्वीकृत आवंटित राशि से पटना में 6 धोबी घाटों का जीर्णोद्धार कराया जाए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किए गये घोषणा को पूरा कराया जाए।
बता दें कि जब लालू यादव मुख्यमंत्री थे उस वक्त भी धोबी समाज के लोगों की समस्या जानने के लिए खुद लालू प्रसाद, राबड़ी देवी के साथ पहुंचे थे और आज उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव आज धोबी समाज से मिलने पहुंच गये। लोगों की समस्या जानने के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि लालू यादव ने इन्हें बसाया और नीतीश कुमार द्वारा उजाड़ा जा रहा है। लालू जी गरीबों को बसाते थे और नीतीश जी गरीबों को उजाड़ रहे है।
नीतीश जी गरीबों के नहीं अमीरों के नेता हैं। इनकों गरीबों से क्या लेना देना। उनको और किसी से मतलब नहीं है यदि मतलब होता तो कितना दूर है सीएम आवास। लालू जी खुद आते थे लोगों की समस्या सुनते थे। यह सरकार ना तो रोजगार देती है और ना ही रहने की व्यवस्था कराती है। महंगाई से लोगों की कमर टूट गयी है।
धोबी समाज अपने मेहनत की रोटी कमा रहे हैं इसमें सरकार का उपकार तो नहीं है। इन्हें नीतीश जी कुछ नहीं दे रहे हैं। पहले गरीबों की सरकार थी आज अमीरों की सरकार है। वही आक्रोशित लोगों का कहना था कि 34 हजार धोबी हैं यदि हमारी समस्याओं को नहीं सुना गया तो हम जीते जी मर जाएगे लेकिन धोबी घाट को नहीं छोड़ेंगे।