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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 11 Apr 2023 07:22:13 PM IST
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PATNA: सालों के इंतजार के बाद सोमवार को नीतीश सरकार ने एलान किया कि बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति होगी. राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा कि सवा दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति होने जा रही है, जिन्हें आकर्षक वेतन-भत्ता और दूसरी सुविधायें मिलेंगी. लेकिन अगर नये शिक्षक नियुक्त हुए तो उन्हें वेतन कहां से मिलेगा. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने पिछले महीने ही अपना बजट पास कराया है. इसमें नये शिक्षकों के वेतन के लिए प्रावधान ही नहीं है.
पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने आज ये मामला उठाते हुए कहा है कि राज्य सरकार ने बजट में धनराशि का प्रावधान किये बिना बीपीएससी के माध्यम से एक नये संवर्ग में स्कूली शिक्षक नियुक्ति की जो घोषणा की है, वह लाखों शिक्षित युवाओं के साथ धोखा है. सुशील मोदी ने कहा कि सरकार सबसे पहले उन को नियुक्ति पत्र दे, जो CTET/STET/TET की परीक्षाएं पास कर चार साल से नौकरी पाने का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे कुछ अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई भी, लेकिन शेष को केवल आश्वाशन दिया जाता रहा है.
सुशील मोदी ने कहा है कि ऐसे 1 लाख से ज्यादा प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों और 4 लाख नियोजित शिक्षकों को भी अब नये संवर्ग वाला सरकारी शिक्षक बनने के लिए बीपीएससी की परीक्षा देनी पड़ेगी. टीईटी परीक्षा पास कर पहले ही शिक्षक बनने के पात्र हो चुके युवाओं के लिए ये नई नियमावली बड़ा धोखा है. ये उनके मनोबल पर बड़ा बज्रपात है।
सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाना चाहिए और नये संवर्ग के लिए बजट प्रावधान में कम से कम 5000 करोड़ की वृद्धि करनी चाहिए. शिक्षा विभाग के बजट में शिक्षकों के वेतन और स्थापना व्यय में सिर्फ 1200 करोड़ की वृद्धि की गई है. इससे साफ है कि अगले एक साल तक नये संवर्ग में शिक्षक भर्ती नहीं होने जा रही है.
मोदी ने कहा कि यदि सरकार नई नियमावली लागू करती है, तो एक विद्यालय में एक ही पाठ्यक्रम के लिए दो तरह के शिक्षक होंगे- एक बीपीएससी से पास सरकारी टीचर और दूसरे नियोजित शिक्षक। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा को विसंगतियों और विफलताओं का ऐसा पिटारा बना दिया गया है कि बिहार से प्रतिभा पलायन तेज होगा ।