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1st Bihar Published by: Updated Thu, 20 Oct 2022 07:46:11 PM IST
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PATNA: पटना हाईकोर्ट का फर्जी जज बनकर बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को फोन करने का मामला सामने आने के बाद बीजेपी लगातार इस लेकर हमलावर है। फर्जी कॉल मामले में डीजीपी की भूमिका को बीजेपी नेता व राज्य सभा सांसद सुशील मोदी ने संदिग्ध बताया और इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की।
सुशील मोदी का कहना है कि आर्थिक अपराध इकाई (EOU) से निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। इसलिए इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा जाए क्योंकि ऐसे गंभीर सवालों का जवाब सीबीआई ही ढूंढ सकती है। सुशील मोदी ने यह सवाल पूछा है कि गया के पूर्व एसपी के खिलाफ विभागीय जांच डीजीपी ने क्यों बंद की? उन्होंने यह भी पूछा कि पूर्णिया में पोस्टिंग के लिए संचिका क्यों बढाई गयी? मामले को गंभीर बताते हुए सुशील मोदी ने सरकार से सीबीआई जांच कराने की मांग दोहराई।
दरअसल टाइल्स कारोबारी अभिषेक अग्रवाल पटना हाईकोर्ट का फर्जी चीफ जस्टिस बनकर डीजीपी एसके सिंघल से बात करता था। आईपीएस आदित्य कुमार की पैरवी करने और क्लीन चिट देने का दबाव डीजीपी पर बना रहा था। बार-बार कॉल आने के बाद जब डीजीपी को संदेह हुआ कि कुछ गड़बड़ है तब उन्होंने इसकी जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दी।
जांच में जो कुछ सामने आया उसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। फर्जी जज बनकर फोन करने वाला कोई और नहीं आईपीएस आदित्य कुमार का दोस्त अभिषेक अग्रवाल था। मामला सामने आते ही उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया। अभिषेक अग्रवाल सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से 9 मोबाइल फोन और कई सिम कार्ड भी जब्त किया गया है।
हालांकि आईपीएस आदित्य अभी भी फरार है। आईपीएस आदित्य के दोस्त अभिषेक अग्रवाल ने अपना जुर्म स्वीकार किया है। पूछताछ के क्रम में उसने कई खुलासे किये बताया कि डीजीपी एसके सिंघल पर रौब दिखाने के लिए उसने व्हाट्सएप डीपी पर चीफ जस्टिस की फोटो लगा रखी थी।