ब्रेकिंग न्यूज़

Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज का चुड़ैल ने किया पीछा, दुल्हन समझने की भूल पड़ी भारी; जानिए... उस रात का डरावना सच! Bihar News: बिहार में यहां GRP को मिले बॉडी वार्न कैमरे, अब हर गतिविधि पर होगी पैनी नजर INDIAN RAILWAY : चुनाव से पहले बिहार पर खूब मेहरबान हो रही मोदी सरकार, अब मिलेगा एक और नया उपहार CJI B.R. Gavai: तीसरे नंबर पर था, फिर भी बना CJI... गवई ने छात्रों को दिया सफलता का मंत्र RAOD ACCIDENT : तेज रफ़्तार का कहर, 20 फीट नीचे पानी भरे गड्ढे में गिरी तेज रफ्तार कार; 3 की मौत Bihar Bhumi: जमीन रजिस्ट्री में 2 करोड़ का घपला, 5 महिलाओं ने मिल कर दिया बड़ा कांड; कोर्ट से जारी हुआ आदेश Transfer Posting : बिहार चुनाव से पहले पुलिस महकमे में बदलाव, कई थानों के SHO हुए इधर-उधर Bihar News: दिल्ली-पटना के बीच दौड़ेगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, जानिए... पूरी डिटेल पाकिस्तान के खिलाफ खूब विकेट चटकाता है यह भारतीय गेंदबाज, Asia Cup 2025 में भी इस चैंपियन पर टिकी रहेंगी फैंस की निगाहें Asia Cup 2025 में बुमराह नहीं खेलेंगे सभी मैच? एबी डिविलियर्स का बड़ा खुलासा.. इस गेंदबाज को बताया सबसे चालाक

फर्जी डिग्री पर बहाल टीचरों पर होगा एक्शन! पटना HC में 28 अगस्त को होगी सुनवाई, जानिए अबतक क्या हुआ

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 07 Aug 2023 04:10:43 PM IST

फर्जी डिग्री पर बहाल टीचरों पर होगा एक्शन! पटना HC में 28 अगस्त को होगी सुनवाई, जानिए अबतक क्या हुआ

- फ़ोटो

PATNA : बिहार में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्री के आधार पर लोग नौकरी कर रहे हैं। हालांकि, इस मामले में निगरानी विभाग की जांच भी चल रही है। इसके बाद अब इससे जुड़ी एक याचिका पर अब पटना हाइकोर्ट में 28 अगस्त 2023 को सुनवाई करेगी। पटना हाईकोर्ट में रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ सुनवाई करेगी। 


दरअसल, पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार और निगरानी विभाग ने हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि, 77 हजार ऐसे शिक्षक हैं। जिनका फोल्डर नहीं मिल रहा है। जिसके बाद इस मामले में  सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया था कि - वह एक समय सीमा निर्धारित करें, जिसके तहत सभी सम्बंधित शिक्षक अपनी डिग्री और अन्य कागजात प्रस्तुत कर सके। पटना कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि निर्धारित समय के भीतर कागजात और रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।


मालूम हो कि,इस मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि बड़ी संख्या में जाली डिग्रियों के आधार पर शिक्षक राज्य में काम कर रहे हैं। साथ ही वे वेतन भी उठा रहे हैं। इससे पूर्व कोर्ट ने 2014 के एक आदेश में कहा था कि जो इस तरह की जाली डिग्री के आधार पर राज्य सरकार के तहत शिक्षक है, उन्हें ये अवसर दिया जाता है कि वे खुद अपना इस्तीफा दे दें। अगर ऐसा करेंगे तो उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाएगी। 


इधर, कोर्ट ने मामले को निगरानी विभाग को जांच के लिए सौंपा था। उन्हें इस तरह के शिक्षकों को ढूंढ निकालने का निर्देश दिया था। 31 जनवरी 2020 की सुनवाई दौरान निगरानी विभाग ने कोर्ट को जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा इनके सम्बंधित रिकॉर्ड की जांच कर रही है, लेकिन अभी भी एक लाख दस हजार से अधिक शिक्षकों के रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं। कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को अगली सुनवाई में अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया था। अब मामले में अगली सुनवाई 28 अगस्त 2023 को होगी।