ब्रेकिंग न्यूज़

बिहार चुनाव में महिलाओं का जलवा: 9% ज्यादा वोट डाल पुरुषों को पछाड़ा, रिकॉर्ड 67% मतदान पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी नहीं कर सकते: झारखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला Bihar Election 2025: एग्जिट पोल में NDA की बढ़त पर बोले दिलीप जायसवाल, कहा..बिहार की जनता ने एनडीए के प्रति दिखाया अटूट विश्वास Bihar Election 2025: बिहार में पहली बार 68.79% मतदान, दूसरे चरण ने तोड़ा सभी रिकॉर्ड Delhi Blast Case: दिल्ली ब्लास्ट के पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान, मृतकों-घायलों के परिजनों को इतने रुपए देगी रेखा सरकार Delhi Blast Case: दिल्ली ब्लास्ट के पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान, मृतकों-घायलों के परिजनों को इतने रुपए देगी रेखा सरकार Bihar Election 2025: एग्जिट पोल में NDA की बढ़त पर बोले सम्राट चौधरी, रफ़्तार पकड़ चुका है बिहार, फिर एक बार NDA सरकार! Bihar Politics: मतदान खत्म होते ही पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, खड़गे को भेजी चिट्ठी Patna News: पटना में जन सुराज पार्टी के कैंप में लगी भीषण आग, पांच बाइक जलकर खाक Patna News: पटना में जन सुराज पार्टी के कैंप में लगी भीषण आग, पांच बाइक जलकर खाक

स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी से HC नाराज, पूछा - अभी तक क्यों नहीं लगी सीटी स्कैन और MRI मशीन, इस दिन देना होगा जवाब

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 26 Apr 2023 08:49:14 AM IST

स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी से HC नाराज, पूछा - अभी तक क्यों नहीं लगी सीटी स्कैन और  MRI मशीन, इस दिन देना होगा जवाब

- फ़ोटो

PATNA : बिहार के स्वास्थ्य मंत्री सह उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भले ही यह दावा करते हैं कि उनके मंत्री बनते ही स्वास्थ्य महकमे में काफी सुधार हुई है। लेकिन, अब पटना हाईकोर्ट ने उनके दावों की पोल खोलकर रख दी है। हाईकोर्ट ने एक लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि, राज्य सरकार सरकारी अस्पतालों के तरफ अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर रही है।  इसलिए वहां उचित व्यवस्था नहीं देखने को मिल रही है। 


दरअसल, बिहार के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों सहित जिला अस्पतालों में वेंटीलेटर, एमआरआई और सिटी स्कैन जैसी अतिआवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की। यह सुनवाई  मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के बिनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ के तरफ से की गयी। 


मिली जानकारी के अनुसार, पटना हाई कोर्ट में रंजीत पंडित की ओर से एक लोकहित याचिका दायर की गई थी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के बिनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद ने कहा कि, राज्य के सभी त जिला अस्पतालों में वेंटीलेटर, एमआरआई और सिटी स्कैन जैसी सव=सुविधाएं नदारज क्यों है। इसपर राज्य सरकार जवाब दें। इसको लेकर कोर्ट के तरफ से चार सप्ताह में जवाब दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया गया है। 


वहीं, इससे पहले आवेदक के वकील दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के कई प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों के पास अपना भवन तक नहीं है। इसको लेकर राज्य सरकार को भूमि उपलब्ध कराना चाहिए ताकि प्राथमिक चिकित्सा केंद्र का अपना भवन हो सके। उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य के सभी नौ सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जो सिटी स्कैन मशीन लगे हैं, वे सभी पीपीपी मोड पर हैं। इसे मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) मान्यता नहीं देती है। इसी प्रकार राज्य के पांच मेडिकल कॉलेजों में एमआरआई मशीन पीपीपी मोड पर लगाये गये हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि अदालत के बार-बार आदेश देने के बावजूद सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन नहीं लगी। जिसके बाद कोर्ट ने चार सप्ताह का समय देते हुए सरकार से जवाब तलब की है। 


आपको बताते चलें कि, गत वर्ष 3 अगस्त को छह माह के भीतर सभी सरकारी मेडिकल अस्पतालों में सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन लगाने का आदेश कोर्ट ने दिया था। लेकिन तय समय के भीतर इसे नहीं लगाया जा सका। कोर्ट ने महाधिवक्ता को चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया। मामले पर चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी।