ब्रेकिंग न्यूज़

बिहार चुनाव 2025: दूसरे चरण की वोटिंग कल, अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने की ज्यादा से ज्यादा मतदान की अपील झारखंड के Netaji Subhash Medical College Adityapur में शुरू हुई मेडिकल की पढ़ाई, सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पीटल में कम खर्च में बेहतर इलाज Dharmendra Health Update: एक्टर धर्मेंद्र की हालत नाजुक, ICU में वेंटिलेटर पर शिफ्ट किए गए; पूरा परिवार अस्पताल में मौजूद Dharmendra Health Update: एक्टर धर्मेंद्र की हालत नाजुक, ICU में वेंटिलेटर पर शिफ्ट किए गए; पूरा परिवार अस्पताल में मौजूद Bihar Traffic News : ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सख्त हुआ परिवहन विभाग, तीन चालान बकाया रखने पर रद्द होगा वाहन रजिस्ट्रेशन 7 आतंकवादियों को पुलिस ने दबोचा, 2900 KG विस्फोटक-हथियार और गोला-बारूद बरामद Patna Crime News: हत्या या आत्महत्या? पटना के ANM ट्रेनिंग स्कूल में संदिग्ध हालत में मिला शिक्षिका का शव Patna Crime News: हत्या या आत्महत्या? पटना के ANM ट्रेनिंग स्कूल में संदिग्ध हालत में मिला शिक्षिका का शव Economic Offences Unit Bihar : म्यांमार के KK पार्क से साइबर गुलामी में फंसे 8 बिहारी मुक्त, आर्थिक अपराध इकाई ने शुरू की एजेंटों की जांच Patna News: नवजातों में इस वजह से बढ़ रहा बिमारियों का खतरा, PMCH में लगातार आ रहे मामले

जातीय जनगणना पर सरकार गंभीर नहीं, सुशील मोदी बोले- पूरे अभियान को ठंडे बस्ते में डाला

1st Bihar Published by: Updated Wed, 09 Nov 2022 05:37:35 PM IST

जातीय जनगणना पर सरकार गंभीर नहीं, सुशील मोदी बोले- पूरे अभियान को ठंडे बस्ते में डाला

- फ़ोटो

PATNA: बिहार में जातीय जनगणना का मुद्दा एक बार फिर से गरमाने लगा है। इसको लेकर बीजेपी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठा दिया है। बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है। सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार में जातीय जनगणना को लेकर नीतीश की सरकार गंभीर नहीं है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बावजूद सरकार ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।


सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि 1 जून 2021 की सर्वदलीय बैठक के निर्णय और 2 जून को कैबिनेट की मंजूरी के 6 महीने बीतने के बाद भी महागठबंधन सरकार जातीय जनगणना शुरू करने को लेकर गंभीर नहीं है। जातीय जनगणना का काम दो चरणों में होना था, जबकि छह महीने बीतने के बाद अभी मकानों की गिनती और नम्बरिंग का पहला चरण भी शुरू नहीं हो सका है। दूसरे चरण में जातीय और आर्थिक गणना शुरू होनी थी, लेकिन सरकार ने इस पूरे अभियान को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। दो चरणों वाली जातीय जनगणना शुरू करने से पहले जिला, अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर अधिकारियों का जो प्रशिक्षण होना था, वह भी नहीं हो पाया है।


उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के आंकड़े दर्ज करने के लिए जब ऐप और पोर्टल तक अभी विकसित नहीं किये गए हैं, तब सरकार की नीयत पर सवाल उठना लाजमी है। सरकार जातीय जनगणना कराने पर गंभीर नहीं है, इसलिए केवल तारीख पर तारीख दी जा रही है। निकाय चुनाव के नाम पर और जातीय गणना को छह महीना टालने की तैयारी की जा रही है। अगर सरकार गंभीर है, तो जनगणना का काम जल्द शुरू करे और हर स्तर पर सुझाव लेने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाये। ऐसी बैठकें हर महीने होनी चाहिए ताकि काम में तेजी आए।