PATNA : बिहार में राजनीतिक रूप से हाशिये पर जा चुके चिराग पासवान उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने जा रहे हैं. लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) यूपी चुनाव में 100 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है. चिराग पासवान ने आज पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यूपी और उत्तराखंड में हम अकेले चुनाव लड़ेंगे. पार्टी को मजबूती और विस्तार देने के लिए किसी पार्टी से गठबंधन नहीं करेंगे. गठबंधन करने से सीटें सीमित हो जाती है.
वहीं बिहार में एमएलसी चुनाव को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि यहां भी हम अकेले लड़ेंगे. बीजेपी के कई नेता चिराग पासवान को एनडीए में लाना चाहते हैं, जिनका वह सम्मान करते हैं. लेकिन अभी किसी से कोई गठबंधन नही करेंगे. 2024 में पार्टी किसी के साथ गठबंधन करने की सोचेगी. अभी हमारा पूरा ध्यान पार्टी की मजबूती को लेकर है.
वहीं बिहार में मध्यावधि चुनाव को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश सरकार का पतन जल्द होगा. मेरा अब भी मानना है कि मध्यावधि चुनाव होंगे. नीतीश कुमार को भी इस बात का डर है, इसलिए वह समाज सुधार अभियान के बहाने यात्रा पर निकले हुए थे. चिराग ने कहा कि बिहारियों को सुधारने के लिए किसी समाज सुधार यात्रा की जरूरत नहीं है.
बड़ी से बड़ी घटनाएं हो जाती है लेकिन कभी सीएम वहां नहीं जाते. किसी पीड़ित परिवार से नहीं मिलते. उनके गृहजिला नालंदा में इतनी बड़ी घटना हो गई, सीएम उस पर कुछ नहीं बोले और न ही वहां गये. कोरोना की वजह से उनकी यात्रा रुकी हुई है, लेकिन उन्हें भी पता है कि सरकार कभी भी गिर सकती है.
वहीं एनडीए में चल रहे विवाद को उन्होंने आंतरिक मामला बताया. चिराग ने कहा कि मुकेश सहनी का मामला इन्टरनल विषय है. अगर वह यूपी में चुनाव लड़ना चाह रहे तो क्या दिक्कत है. एक राज्य का गठबंधन उस राज्य तक सीमित रहता है. दूसरे राज्य में हर पार्टी स्वतंत्र होती है. वहीं चिराग यह भी कहते हैं कि बीजेपी और मुकेश सहनी का विवाद गठबंधन के लिए सही नहीं है. वैसे भी बिहार एनडीए में कुछ भी सही नहीं चल रहा. बीजेपी और जेडीयू में भी विवाद चल रहा है.
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर जेडीयू के खिलाफ प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से उनके केवल एक कैंडिडेट विधायक बन पाए थे. चुनाव बाद वह विधायक भी जेडीयू में शामिल हो चुके हैं. वहीं उनके चाचा पशुपति कुमार पारस ने पार्टी के पांच सांसदों को साथ लेकर बगावत कर दी और खुद केंद्र में मंत्री बन गए. इसके बाद चिराग पासवान अपनी ही पार्टी में अकेले हो गए हैं. बिहार विधानसभा उपचुनाव में चुनाव आयोग ने चिराग पासवान गुट को लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) नाम दिया है.