ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: ‘पहले वाले ने कोई काम नहीं किया, उसे वोट मत दीजिएगा’, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मतदाताओं से अपील तेजस्वी यादव की अरवल में हुंकार: हर घर को मिलेगी नौकरी, बनेगी पढ़ाई-दवाई और कार्रवाई वाली सरकार Bihar Election 2025 : विधानसभा चुनाव में 10 पुलिसकर्मी ड्यूटी से गायब,पटना एसएसपी ने वेतन रोकने का आदेश दिया Bihar Election 2025: वजीरगंज में बसपा के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद का तीखा प्रहार, एनडीए और महागठबंधन पर साधा निशाना Bihar Election 2025: वजीरगंज में बसपा के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद का तीखा प्रहार, एनडीए और महागठबंधन पर साधा निशाना Bihar Election 2025 : पवन सिंह की रैली में उमड़ी भीड़, पंडाल गिरा; टली बड़ी दुर्घटना Train News: दो-चार-छह घंटे नहीं बल्कि ढाई दिन की देरी से खुली बिहार जाने वाली यह ट्रेन, यात्रियों ने रेलवे को खूब कोसा Train News: दो-चार-छह घंटे नहीं बल्कि ढाई दिन की देरी से खुली बिहार जाने वाली यह ट्रेन, यात्रियों ने रेलवे को खूब कोसा India Post Payment Bank : रातोंरात करोड़पति बना मैट्रिक का छात्र, किसान के बेटे के खाते में आए 21 करोड़ रुपये; जानिए क्या है पूरा मामला Bihar Election 2025: दूसरे चरण के मतदान से पहले प्रशासन अलर्ट, इन विधानसभा क्षेत्रों में सशस्त्र घुड़सवार दस्ते से होगी निगरानी

खुद नरेंद्र मोदी रखेंगे बिहार BJP पर नजर: समझिये भीखू भाई के बाद सुनील ओझा को बिहार भेजने के मायने क्या हैं?

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 29 Mar 2023 08:20:35 PM IST

खुद नरेंद्र मोदी रखेंगे बिहार BJP पर नजर: समझिये भीखू भाई के बाद सुनील ओझा को बिहार भेजने के मायने क्या हैं?

- फ़ोटो

PATNA: भारतीय जनता पार्टी ने बिहार के अपने सांगठनिक ढांचे में आज फिर एक फेरबदल किया. सुनील ओझा को बिहार बीजेपी का सह प्रभारी बना कर भेज दिया गया है. सुनील ओझा अगले दो साल तक बिहार में कैंप कर पार्टी के लिए रणनीति तैयार करेंगे. सुनील ओझा को जानने वाले ये समझते हैं कि उन्हें बिहार भेजने के मायने क्या हैं. दो साल पहले भीखू भाई दलसानिया को बिहार भेजा गया था और अब सुनील ओझा को. दोनों में दो बातें कॉमन हैं. पहला ये कि दोनों गुजरात के हैं और दोनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी माने जाते हैं।


कौन हैं सुनील ओझा?

बिहार बीजेपी के नये सह प्रभारी बनाये गये सुनील ओझा का नाम भी बिहार भाजपा के कम ही लोग जानते होंगे. हम आपको उनके बारे में विस्तार से आपको बता रहे हैं. सुनील ओझा भाजपा के उन चुनिंदा नेताओं में हैं जो डायरेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करते हैं. मूल रूप से गुजरात के रहने वाले सुनील ओझा  गुजरात की भावनगर विधानसभा सीट से 2 बार विधायक रह चुके हैं. ये उस दौर की बात है जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम हुआ करते थे.  2014 के लोकसभा चुनाव में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनारस से चुनाव मैदान में उतरे तो सुनील ओझा को साथ लेकर आये. उन्हें बीजेपी का यूपी प्रदेश सह प्रभारी बनाया गया था।


पर्दे के पीछे अपने काम के लिए जाने जाने वाले सुनील ओझा की भूमिका उत्तर प्रदेश में काफी अहम थी. वे खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और आसपास के इलाकों का काम देख रहे थे. बीजेपी के जानकार ये बताते हैं कि सुनील ओझा उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं जो डायरेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संपर्क में रहते हैं. उन्हें गृह मंत्री अमित शाह का भी बेहद करीबी माना जाता है।


बिहार पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर

सुनील ओझा दूसरे गुजराती हैं जिन्हें बिहार भेजा गया है. दो साल पहले बीजेपी ने भीखू भाई दलसानिया को बिहार भाजपा का संगठन महामंत्री बना कर भेजा था. दलसानिया अभी भी बिहार बीजेपी का काम देख रहे हैं. भीखू भाई और नरेंद्र मोदी का संबंध तब से है जब दोनों आरएसएस के प्रचारक हुआ करते थे. नरेंद्र मोदी आरएसएस से बीजेपी में आकर गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे तो भीखू भाई भी बीजेपी के संगठन काम देखने के लिए बुला लिये गये थे. वे लगभग डेढ़ दशक तक गुजरात में भाजपा के संगठन महामंत्री का काम देखते रहे. जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो भीखू भाई संगठन के महामंत्री थे. प्रधानमंत्री के बेहद करीबी माने जाने वाले भीखू भाई दलसानिया को बिहार भेजने का मतलब ही ये था कि खुद नरेंद्र मोदी बिहार की राजनीति में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं।


बीजेपी के एक सीनियर नेता ने फर्स्ट बिहार को बताया कि अब सुनील ओझा को भेजने का मतलब साफ है. बिहार बीजेपी की हर गतिविधि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की नजर रहेगी. वैसे बिहार बीजेपी के संगठन प्रभारी के रूप में विनोद तावडे काम देख रहे हैं. यूपी के नेता हरीश द्विवेदी सह प्रभारी का काम पहले से देख रहे हैं. अब सुनील ओझा को भी सह प्रभारी बना कर भेजा गया है. सुनील ओझा बिहार में ही कैंप कर संगठन का काम देखेंगे. असली काम उनके ही जिम्मे होगा।


जाहिर है भीखू भाई से लेकर सुनील ओझा की रिपोर्ट डायरेक्ट प्रधानमंत्री और गृह मंत्री तक पहुंचेगी. बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि बिहार में बीजेपी का काम वे खुद देखेंगे. इसके लिए उन्होंने ये भी तय कर रखा है कि वे हर महीने बिहार का दौरा भी करेंगे. पिछले चार-पांच महीने से वे लगभग हर महीने बिहार आ भी रहे हैं. बिहार बीजेपी के नये प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी अमित शाह की ही पसंद बताये जाते हैं. यानि अमित शाह के नेतृत्व  में भीखू भाई, सम्राट चौधरी और सुनील ओझा की टीम ही 2025 तक बिहार बीजेपी की दशा और दिशा तय करेगी.