मधुबनी में मुखिया के घर पर 3 दर्जन बदमाशों ने किया हमला, ग्रामीणों ने 6 को दबोचा, मोबाइल और बाइक बरामद Sushant Singh Rajput के साथ यह फिल्म बनाना चाहते थे अनुराग कश्यप, कहा "अब होता है पछतावा.." Sarkari Naukri: बिहार के युवाओं के पास सरकारी नौकरी पाने का बढ़िया मौका, 218 पदों पर इस दिन से आवेदन प्रक्रिया शुरू; सैलरी 1,31,000 तक ट्रोलर्स के टारगेट पर होते हैं ज्यादातर मुस्लिम क्रिकेटर्स? Mohammed Shami ने किया खुलासा.. पूर्णिया में ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत, गुस्साए परिजनों ने किया जमकर हंगामा, कार्रवाई की मांग ISM पटना में खेल सप्ताह का शुभारंभ, 'Pinnacle' में 25 टीमें ले रही हैं भाग कटिहार के बरारी में NDA का शक्ति प्रदर्शन, विधानसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ता सम्मेलन में जुटे सभी घटक दलों के दिग्गज PURNEA: बेलगाम ट्रक ने 12 साल के छात्र को कुचला, मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने किया सड़क जाम हंगामा BIHAR CRIME : रेल लाइन के पास मिला अज्ञात युवक का शव, हत्या या हादसा? जांच में जुटी पुलिस Samrat chaudhary: विकास को लेकर एक्टिव है NDA सरकार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने किए बड़े ऐलान
1st Bihar Published by: Updated Fri, 28 Oct 2022 07:58:49 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री औऱ गृह मंत्री के साथ साथ दूसरे केंद्रीय मंत्रियों का सामना नहीं करना चाहते. देश के आंतरिक सुरक्षा को लेकर हुई बेहद अहम बैठक में नीतीश की गैरमौजूदगी से यही सवाल उठ खड़ा हुआ है. हरियाणा के सूरजकुंड में केंद्र सरकार द्वारा आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर में महिलाओं की सुरक्षा, साइबर अपराध रोकने, तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करने और आंतरिक सुरक्षा जैसे अहम मसलों पर दो दिनों तक चिंतन हुआ. लेकिन बिहार सरकार ने अधिकारियों को भेज कर कोरम पूरा कर लिया।
बता दें कि ये बैठक सभी राज्यों के गृह मंत्रियों की थी. चूंकि कई राज्यों में मुख्यमंत्री ही गृह मंत्री हैं लिहाजा वहां के मुख्यमंत्री बैठक में पहुंचे थे. हरियाणा के सूरजकुंड में हुई इस बैठक या चिंतन शिविर में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, केरल, असम, गोवा, उत्तराखंड, सिक्किम, मणिपुर और त्रिपुरा के मुख्यमंत्रियों ने शिरकत किया. इन सभी मुख्यमंत्रियों के पास अपने-अपने राज्यों का गृह मंत्रालय का प्रभार है. इसके साथ ही महाराष्ट्र और नागालैंड के उपमुख्यमंत्री मौजूद रहे. राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, ओडिशा, तेलंगाना के गृहमंत्री बैठक में मौजूद थे. वहीं झारखंड सरकार ने अपने वित्त मंत्री को इस शिविर में शामिल होने के लिए भेजा था।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास ही गृह मंत्रालय है. लेकिन नीतीश कुमार बैठक में नहीं शामिल हुए. ना ही उन्होंने राज्य के उप मुख्यमंत्री या दूसरे सीनियर मंत्री को इस शिविर में भेजा. बिहार की ओर से राज्य के डीजीपी इस बैठक में शामिल हुए. बता दें कि ये वही डीजीपी हैं जो खुद कथित तौर पर साइबर क्राइम का शिकार होकर एक बडे मामले को रफा-दफा कर चुके हैं. नीतीश कुमार कह चुके हैं कि डीजीपी की नौकरी दो महीने ही बची है इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया गया. लेकिन नीतीश कुमार ने देश की आतंरिक सुरक्षा पर अहम बैठक में अपने उसी डीजीपी को भेज दिया. दिलचस्प बात ये भी है इस बैठक में साइबर क्राइम भी बेहद अहम मुद्दा था.
बता दें कि केंद्र सरकार कह चुकी है कि वह आंतरिक सुरक्षा को लेकर नयी नीति बनाना चाहती है. चूंकि कानून व्यवस्था संभालना राज्य सरकार का काम है. इसलिए राज्य सरकार की सहमति से नयी नीति बनाने की कोशिश की जा रही है. केंद्र सरकार के मुताबिक इस बैठक सह चिंतन शिविर में राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय पर भी चर्चा हुई.
क्या बीजेपी नेताओं का सामना नहीं करना चाहते नीतीश?
ऐसे अहम बैठक से नीतीश का गायब रहना कई सवाल खडे कर रहा है. मामला सिर्फ इस बैठक का नहीं है. अभी पिछले कुछ दिनों से देश भर से वीडियो और तस्वीरें आयीं कि बिहार के लोग दीवाली और छठ में घर आने के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए किस तरह की परेशानी झेल रहे हैं. नीतीश कुमार ने इसके बाद अपने मुख्य सचिव को कहा कि वह रेलवे के अफसरों से बात कर बिहार के लोगों के लिए विशेष ट्रेन चलाने का आग्रह करें. जबकि विशेष ट्रेन चलाने का फैसला रेल मंत्री के स्तर पर लिया जा रहा था. नीतीश कुमार ने रेल मंत्री से खुद बात करने के बजाय अपने मुख्य सचिव को अफसरों से बात करने को कहा. हालांकि सुशील मोदी समेत बीजेपी के कई नेताओं ने रेल मंत्री से बात की. इसके बाद रेल मंत्री ने कई स्पेशल ट्रेन चलाने का एलान भी किया।