PATNA : बिहार में विधानसभा उपचुनाव के पहले बिखर चुके महागठबंधन को एक बार फिर से एकजुटता का बहाना मिल गया है। विधानसभा चुनाव में आरजेडी और कांग्रेस ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारकर महागठबंधन को तार-तार कर दिया था लेकिन अब छात्रों के आंदोलन के बहाने यह सभी विपक्षी दल एक साथ आ गए हैं।
अरसे बाद आज आरजेडी कार्यालय में महागठबंधन के नेताओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ-साथ कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर और वाम दलों के नेता भी मौजूद रहे। इस मौके पर यह ऐलान किया गया कि छात्रों की मांग के साथ महागठबंधन खड़ा है।
दरअसल महागठबंधन की इस से एकजुटता को विधान परिषद चुनाव के नजरिए से ही देखा जा रहा है। स्थानीय निकाय कोटे से विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव होना है। इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी से कुछ सीटों की मांग कर रही है। ऐसे में तेजस्वी यादव सीट को लेकर बातचीत कर सकते हैं क्योंकि कांग्रेस एक बार फिर आरजेडी के नेतृत्व में चली आई है।
कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि यह आंदोलन राजनैतिक दलों का आंदोलन नहीं है बल्कि यह छात्रों का आंदोलन है। बीजेपी की तरफ से राजनैतिक दलों को बदनाम करन की साजिश रची जा रही है। छात्रों की मांगों को जिस प्रकार से दबाने का प्रयास किया जा रहा है उसका कांग्रेस पार्टी विरोध करती है। हम सब बच्चों के साथ हैं।
वही राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने छात्रों के मामले पर कहा कि कोई रोटी मांगता है तो उस पर एफआईआर कर दी जाती है। हम सरकार से कहना चाहते हैं कि इस मामले में संवेदनशीलता दिखाइए। माथा तो आप तोड़ ही दिए दवा परिवार करा रहा हैं। यह लड़ाई और संघर्ष का विषय नहीं है। एफआईआर को खत्म करना ही पड़ेगा।
जगदानंद सिंह ने कहा कि ये उत्तर प्रदेश के चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। इस राष्ट्र में चुनाव होते रहते है। चुनाव के लिए इंसान नहीं बना है। इंसान के लिए चुनाव बना है। जनता सरकार को बनाती है ना कि सरकार जनता को खड़ा करती है। इसलिए इसे भूलना नहीं चाहिए। छात्रों की समस्या को दूर करने का प्रयास करना चाहिए और जिन छात्रों पर एफआईआर दर्ज की गयी है उसे वापस लिया जाना चाहिए।